चण्डीगढ़, 7 अप्रैल । हरियाणा पुलिस ने राजस्थान में फर्जी डिग्री बनाने का गोरखधंधा पकडा है। राजस्थान के नगर चूरू स्थित एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में यह गोरखधंधा चलाया जा रहा था और इसका मुख्यालय रोहतक में खोला गया था। पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए इस यूनिवर्सिटी के चार कर्मचारियों को कम्प्यूटर, लेपटॉप व कुछ रिकॉर्ड सहित गिरफ्तार किया है।
भिवानी के गांव रूपगढ निवासी बिजेन्द्र ने थाना शहर भिवानी पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई थी कि राजस्थान के चूरू स्थित ओ.पी.जे.एस नामक एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारी फर्जी डिग्री देने का धंधा चला रहे हैं। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम का गठन किया। पुलिस ने इस मामले में गहनता से जांच की और संबंधित यूनिवर्सिटी में छापेमारी की। जांच में यूनिवर्सिटी के कार्यालय में काफी खामियां पाई गईं। यहां काफी युवकों को बिना पेपर लिए और बिना किसी रिकॉर्ड के ही डिग्रियां दी जा रही थी। इसके बाद पुलिस ने यहां कार्यरत चार कर्मचारियों को गिरप्तार किया। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी दीपक, नवीन, अनिल व कृष्ण ने अपना अपराध कबूला है। आरोपियों से कम्प्यूटर, लेपटॉप व अन्य रिकॉर्ड बरामद कर जांच की जा रही है।इसी संबंध में पुलिस ने रोहतक में भी छापेमारी की वहां से लेपटोप, कम्प्यूटर व कुछ रिकॉर्ड बरामद किया।
रोहतक में इस पूरे गोरखधंधे का हैड ओफिस बनाया गया था, जहां से देश भर के युवाओं को ठगने के लिए फीस व अन्य कागजात जमा करवाए जाते थे। उन्होंने बताया कि जो युवा बिना पढे लिखे व पेपर दिए ही पास होने का इच्छुक होते थे, उनको डिग्री के लिए तीन साल की फीस एक साथ लेकर उन्हें फर्जी डिग्री दे दी जाती थी। बीए की डिग्री के लिए करीब 22 हजार रुपये एक साल के हिसाब से वसूले जाते थे। उन्होंने बताया कि अभी पुछताछ जारी है और उसके बाद ही खुलासा होगा कि कितनी फर्जी डिग्रियां दी गई और किसी युवक ने फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी ली या आवेदन किया है।