Friday , 20 September 2024

भारत जैसे विकासशील देश को आधारभूत शोध की आवश्यकता

सिरसा जेसीडी विद्यापीठ में जेसीडी शिक्षण महाविद्यालय के सौजन्य से दूसरे दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन विज्ञान, प्रबंधन, शिक्षा और प्रौद्योगिकी में हाल के शोध और नवाचार विषय (ICRRISMET-2018) का विधिवत् शुभारम्भ किया गया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, भठिंडा के कुलपति .(डॉ.) आर.के.कोहली ने शिरकत की। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नाइजेरिया से आए प्रो. सालिहू अहमद एवम् मोहम्मद अब्बा अलकली ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।

डा. आर.के.कोहली ने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए, नवीनतम ज्ञान,
प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अभियंता (इंजीनियरिंग) आवश्यक मौलिक वस्तुएंहैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अभाव में एक देश पिछड़ जाता है। विकास,
चाहे वो देश का हो या फिर व्यक्ति का, यह बहुत तरीकों से तकनीकियों कीउचित वृद्धि और विकास से जुड़ा हुआ है। तकनीकी उन्नति वहाँ होती है, जहाँ
विज्ञान में उच्च कौशल और पेशेवर वैज्ञानिकों के द्वारा नए अविष्कार होतेहैं। हम यह कह सकते हैं कि तकनीकी, विज्ञान और विकास में एक दूसरे की
समान भागीदारी है। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में विकास किसी भी देशके लोगों के लिए दूसरे देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के
लिए बहुत अधिक आवश्यक है।

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