चंडीगढ़, 24 मार्च: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2018-19 के राज्य के बजट की प्रशंसा करते हुए इसको एक मील का पत्थर और विभिन्न क्षेत्रों के विकास और वृद्धि पर केंद्रित बताया है। उन्होंने विशवास प्रकट किया कि यह बजट राज्य को उच्च विकास की राह पर ले जायेगा।
बजट के संबंध में शिरोमणी अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी के बयानों को बहकाने वाला और अनावश्यक बताते हुए मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह बजट राज्य को वापिस विकास और ख़ुशहाली के मार्ग पर ले जायेगा जिसको गत् सरकार ने वित्तीय गड़बडिय़ों से संकट में डाल दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकालियों और भाजपाईयों को चुनौती देते हुए कहा कि वह अपने पिछले एक दशक के कुशासन के दौरान राज्य विकास और ख़ुशहाली के पक्ष से एक भी प्राप्ति बतायें। उन्होंनें कहा कि गत् सरकार ने अपनी गलत नीतियों से राज्य को पूरी तरह तबाह कर दिया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट न केवल प्रगतिशील, संतुलित और लोक हितकारी है बल्कि इसने राह से भटकी आर्थिकता को पुन: राह पर लाने के लिए एक रूपरेखा भी मुहैया कराई है जिससे राज्य के समूचे विकास को यकीनी बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा बजट में कृषि, उद्योग, स्वास्थय, शिक्षा, रोजग़ार पैदा करने और इनके अलावा समाज के विभिन्न वंचित वर्गों
के कल्याण जैसे सभी क्षेत्रों पर उपयुक्त ध्यान दिया गया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार द्वारा गत् वर्ष पेश किये पहले बजट का भी जि़क्र किया जिसमें एफ.आर.बी.एम. एक्ट 2003 की व्यवस्थाओं के अनुरूप वित्तीय अनुसाशन को बहाल करने के लिए बेहतरीन दीर्घकालीन योजनाबंदी की गई थी जिसकी वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है क्योंकि गत् शिरोमणी अकाली दल-भाजपा सरकार ने अपने निजी हितों के लिए इस एक्ट का उल्लंघन किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री श्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पेश किया गया इस वर्ष का विकासमुखी बजट राज्य को और आगे ले जायेगा और इससे राज्य वित्तीय पक्ष से मज़बूत बनेगा। उन्होंने कहा कि गत् वर्ष उठाये गए कदमों से राज्यों की वित्तीय स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट 14वें वित्त आयोग की ओर से सभी राज्यों के लिए अनिवार्य बनाये गए वित्तीय मज़बूती के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह बजट मील का पत्थर साबित होगा और यह राज्य को उच्च विकास के मार्ग पर ले जायेगा।