विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की ओर से पूरी दुनिया में हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है। इसका मकसद इस रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। वैसे तो टीबी लाइलाज नहीं है लेकिन अगर इसके इलाज में लापरवाही बरती जाती है तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। केंद्र व राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तो टीबी का फ्री में इलाज भी किया जाता है।
टीबी यानी ट्युबरक्यूलोसिस को वैसे तो बीते जमाने की बीमारी के तौर पर देखा जाता है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी टीबी के मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है।