चैत्र नवरात्र पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रे के सातवें दिन भी माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर माँ की आराधना कर रहे है। माँ दुर्गा के सातवें स्वरुप माँ कालरात्रि की पूजा अर्चना की जा रही है बावल के प्राचीन श्री दुर्गा मंदिर समेत सभी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताँता लगा हुआ है। वहीं नवरात्र के उपलक्ष में मंदिर को आकर्षक ढंग से सजा कर माँ की प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया गया है। मान्यता है की नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विविध रूपों की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। दुर्गा पूजा के सातवे दिन यानि सातवें नवरात्रे में माँ दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा का विधान है। जैसा की नाम से ही विदित होता है कालरात्रि का स्वरुप अत्यंत भयानक है लेकिन माता सदैव अपने भक्तो को शुभ फल देने वाली है।