इस बार एक महीना पहले ही गर्मी का मौसम शुरू होने से सरकार की उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देने की योजना को करारा झटका लगने वाला है। एक तो बाज़ारों को पोल लेस करने का काम चल रहा है और दिन में कट लगने का सिलसिला शुरू हो चूका है। दूसरी और यूएचवीबीएन में वर्किंग स्टाफ की कमी भी खल रही है। वैसे भी कैंट के एक्सियन दफ्तर में स्थित 33 केवीए सब स्टेशन से उपभोक्ताओं को बिजली देने के जो दावे किये जा रहे हैं इसकी अपग्रेडेशन गर्मी के सीजन में लोगों को बिजली के कट देकर परेशान कर सकती है।
एक्सियन दफ्तर की यार्ड स्टिक अनुसार पूरा स्टाफ देने की सरकार ने घोषण की थी लेकिन कभी अधिकारीयों ने यार्ड स्टिक का अध्यन नहीं किया। अम्बाला केंट के तीन सब डिवीजनों में 85 हज़ार उपभोक्ता हैं, उसके मुताबिक 40 कनिष्ठ अभियंता की जगह 11 जीई काम कर रहे हैं, 33 फोरमेन की जगह 10 फोरमेन कार्यरत हैं, वहीँ इतने कनेक्शन को रिपेयर करने वाले 90 लाइनमेन की जगह 53 काम कर रहे हैं। वहीँ 230 एएलएम की जगह कच्चे व पक्के 116 कर्मचारी हैं।
यूनियन प्रधान रुपेश की माने तो आगे पड़ने वाली भीषण गर्मी से जहाँ उपभोक्ता को बिजली के झटके लगेंगे वहीँ कर्मचारियों पर विभाग अतिरिक्त दबाव अपनाएगा
वहीँ उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग ने मीटर रीडिंग और बिल बाँटने का जिस कम्पनी को ठेका दिया है वे रीडिंग से कहीं ज्यादा बिल देकर परेशान कर रहे हैं दूसरी ओर बिजली निगम अधिकारी उनकी सुनते नहीं। बिजली जाने पर कंप्लेंट सुनने वाला कोई नहीं होता और अधिकारी स्टाफ की कमी का बहाना बना देते हैं।