चंडीगढ,20 मार्च। चंडीगढ में मंगलवार को पंजाब विधानसभा की ओर मार्च करते अकाली दल और भाजपा के नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद रिहा किया गया। बडी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा घेराव के लिए आगे बढते इन नेताओं को रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया और पानी की बौछारें भी छोडी। इस कार्रवाई के दौरान अकाली दल नेता सुखवीर बादल और विक्रम मजीठिया के पगडियां भी उछल गईं।
अकाली दल-भाजपा गठबंधन ने किसानों की समस्याएं हल न करने और प्रदेश की कैप्टेन अमरिंदर सिंह के नेतृृत्व वाली सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया था। इसी ऐलान के तहत गठबंधन के कार्यकर्ता यहां एकजुट हुए और विधानसभा भवन की ओर मार्च शुरू किया। विधानसभा में मंगलवार को ही बजट सत्र की शुरूआत हुई थी।
अकाली दल और भाजपा नेताओं ने जैसे ही पुलिस की दूसरी रक्षा पक्ति को तोडा उन पर पानी की बौछारें छोडी गईं और लाठीचार्ज किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर ईंटें फेंकी। इस उपद्रव में अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर बादल और पूर्व अकाली मंत्री विक्रम मजीठिया की पगडियां भी उछल गईं। इसके बाद अकाली दल और भाजपा नेताओं ने स्वयं को पुलिस के हचाले कर दिया। इनमें पंजाब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय सापला भी शामिल थे। सुखबीर ने इससे पहले कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह किसानों के रोष से भयभीत है क्योंकि वे वायदे पूरे करने में नाकाम रहे है। सुखबीर अकाली दल-भाजपा द्वारा किसानों के कर्ज पूरे माफ न करने और मुफ्त बिजली बन्द करने के प्रयास के विरोध में आयोजित रैली को संबोधित कर रहे थे। सुखबीर ने कहा कि सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन ओर किसान बीमा बन्द कर दिए गए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आम आदमी की पहुंच से बाहर है और अपनी कोटरी से घिरे है। कांग्रेस सरकार वित्तीय प्रबन्धन में नाकाम रही है। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री खजाना खाली होने का राग आलापते रहते है।