शहर की सड़कों पर घूम रहे आवारा पशु आम तौर पर देखे जा सकते है, जो कभी न कभी किसी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। जबकि केंटोनमेंट बोर्ड अधिकारीयों ने ऐसे आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए टीमें बना रखी है जिसक काम सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़ कर कैटल शैड तक पहुँचाना है। जहाँ पशुओं की सही से देखरेख हो सके लेकिन ये सब नाम मात्र ही हैं। क्योंकि जो तस्वीरें अब हम आपको दिखाने जा रहे हैं वो प्रशासन की पोल खोलती साफ़ नजर आ रहीं है मंत्री और अधिकारी भले ही अंबाला केंटोनमेंट बोर्ड को स्मार्ट बनाने के लाख दावे करते हो लेकिन इन्ही सड़कों पर आवारा पशु दौड़ते हुए दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। वहीं वाहन चालक भी आवारा पशुओं के घूमने के चलते गाड़ियां बच बच कर निकालते हैं।
वहीं आवारा पशुओं की देखरेख के लिए बना कैटल शैड भी केवल नाम मात्र का ही है जहाँ न तो पशुओं के खाने पीने का उचित प्रबंध है और न ही उनके रहने का। शेड के नीचे ही सभी जानवरों के बीच में एक गाय मरी पड़ी है जिसे वहां से उतने वाला कोई नहीं है। जबकि पशुओं की देखरेख के लिए दो कर्मचारी भी यहाँ नियुक्त है बावजूद इसके पशुओं का सही से ख्याल नहीं रखा जाता इस शेड में। इतना ही नहीं यहाँ जानवरों को लगी चोट का भी इलाज सही से नहीं किया जाता।
जब से अम्बाला केंटोनमेंट बोर्ड के सीईओ वरुण कालिया ने कार्य भार संभाला है तब से यहाँ कुछ हालात तो सुधरे हैं लेकिन लगता है कर्मचारी सुधारना नहीं चाहते। वहीँ “कैटल शेड” में पड़े जानवरों की दुर्दशा के बारे पूछा तो कालिया ने माना कि आवारा जानवर एक समस्या है लेकिन लोग ज्यादातर दूध न देने वाले जानवरों को छोड़ देते हैं जो सड़कों पर आकर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।