शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है, जिसके लिए सरकार द्वारा समय समय पर योजनाएं बनाई जाती है, ताकि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके और कोई भी बच्चा किसी कारणवश शिक्षा के इस मौलिक अधिकार से महरूम न रहे और धारा 134 A भी शिक्षा को लेकर सरकार का एक ऐसा ही प्रयास था, जिसमे हर बच्चे को शिक्षा मिल सके, और वो प्राइवेट स्कूल से भी शिक्षा ले सकें, और इसके लिए तय की गई धारा 134 ए जिसके तहत प्राइवेट स्कूलों को सरकार द्वारा प्रति बच्चा कुछ न कुछ शुल्क दिया जाएगा, लेकिन कई समय से सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के खातें में कोई भी राशि जमा नहीं करवाई है, जिससे नाराज इन स्कूलों ने अगले सेशन में धारा 134 ए के तहत आने वाले विद्यार्थियों के एडमिशन न करने का फैसला लिया है, स्कूलों के इस तरह के फैसले का प्रभाव बच्चों की शिक्षा के साथ ही उनके भविष्य पर भी पड़ेगा। स्कूल के इस फैसले से बच्चे तो परेशान है, वहीँ उनके परिजनों में भी इस फैसले को लेकर काफी चिंता हैं।
देखना अब ये होगा कि स्कूलों के इस तरह के फैसले पर सरकार का क्या रवैया होता है, कहीं सरकार का शिक्षा को लेकर बनाई गई धारा 134 ए की योजना विफल तो नहीं होगी, फ़िलहाल प्राइवेट स्कूलों 134 ए के तहत आने वाले बच्चों को अगले सेशन में एडमिशन ना दिए जाने के फैसले से तो सरकार का शिक्षा को लेकर किया गया ये प्रयास विफल होता नजर आ रहा है।