टोहाना : पिरथला में बना डिलीवरी हट केवल नाम का ही है, क्योंकि स्टाफ की कमी के चलते यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां जब डिलीवरी हट का निर्माण हो रहा था, तो इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह था, उन्हें लगा कि घर में गुंजने वाली किलकारी सुरक्षा की छांव में पैदा होगी, जोकि इसके बनने के बाद ही धीरे धीरे खत्म होता गया। पिरथला का ये डिलीवरी हट पहली बार तब सुर्ख़ियों में आया, जब यहां पर लापरवाही की वजह से मोटरसाईकिल की रोशनी में एक नवजात का जन्म हुआ, जिसने कुछ समय के बाद ही दम तोड़ दिया, जिसे लेकर खूब हल्ला हुआ और असुविधाओं पर चर्चा भी हुई। इस सब में स्टाफ के कमी भी शामिल थी, जिसकी फरियाद गांव पंचायात ने उच्च अधिकारियों तक पहुचाई पर नतीजा कुछ नहीं निकला।
सरंपच प्रतिनिधी की माने तो इस डिलीवरी हट में तीन स्टाफ नर्स है, जिसमे से एक मेटरनिटी लीव पर है, तो दो नर्स 12-12 घण्टे डयूटी करती है। इनमें से एक के भी छु़टटी पर जाने के बाद एएनएम भी तैनात है, जिसे आज किसी विभागिय कार्य से जाना पड़ा तो अस्पताल सूना हो गया। किसी गर्भवती के आने पर उसे रैफर कर दिया है ये स्थिती पहले भ्भी रती है गा्रम सरपंच प्रतिनिधी परेशान होकर कहते है इससे तो बढिया सरकार यहां पर ताला लगा दे कम से कम निवासियों को इस अस्पताल से उममीद तो नहीं रहेगी। अस्पताल का स्टाफ से रमेश कुमार इस कमी को खुलकर कर स्वीकार करते है पर असहाय है। कई बार उच्च अधिकारीयों को लिख चुके है।
ऐसे में जब सरकार का ध्यान नवजात को सुरक्षित जन्म देने की लगातार बात की जा रही है ऐसे में टोहाना के ग्रामीण क्षेत्र पिरथला डिलवरी हट कई सवाल खडे करता है। अब देखना ये है कि स्थिती मे सुधार होता है या आने वाले समय में ये खामियां कोई बड़ी सुर्खियां बन कर फुटती है।
डिलीवरी हट में स्टाफ की कमी वाकई चिंता का विषय है क्योंकि किसी भी समय यहां डिलीवरी का केस आ सकता है, जिसके लिए हर समय स्टाफ का होना जरुरी है। जिसके लिए आवश्यक है कि इस ओर ध्यान दिया जाए और जल्द ही स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए ताकि यहाँ आने वाली प्रग्नेंट महिलाएँ बेखौफ निश्चिन्त होकर यहाँ आ सके।