चंडीगढ,22फरवरी। हरियाणा में फरवरी 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में चंडीगढ-दिल्ली हाइवे पर की गई गैंग रेप की वारदात के मामले में उस समय सोनीपत में तैनात अधिकारियों के मोबाइल फोन की काॅल डिटेल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरूवार को तलब की।
हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में गैंग रेप किए जाने की मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। सुनवाई अभी जारी है। हाईकोर्ट की जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस एएस ग्रेवाल की खण्डपीठ ने गुरूवार को मामले में सुनवाई करते हुए वारदात के समय सोनीपत में नियुक्त प्रमुख अधिकारियों के मोबाइल फोन की काॅल डिटेल टावर की लोकेशन के साथ पेश करने को कहा।
हरियाणा पुलिस ने इस मामले में मार्च 2016 में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इस एफआईआर की जांच के लिए गठित एसआईटी अभी तक कोई पीडित या गवाह नहीं खोज पाई है। सुनवाई के दौरान न्याय सहयोगी अनुपम गुप्ता ने बताया कि उन्हें पुलिस महानिरीक्षक,पुलिस अधीक्षक,उपायुक्त,उपअधीक्षक और मुरथल के थाना प्रभारी की 19,20 और 22 फरवरी 2016 की काॅल डिटेल मिल गई है। लेकिन इसमें टावर लोकेशन नहीं है। उन्होंने दो और अधिकारियों की काॅल डिटेल पेश करने को कहा। इस पर खण्डपीठ ने इन सभी अधिकारियों के मोबाइल की टावर लोकेशन और सोनीपत के उस समय के उपअधीक्षक यातायात सुशील कुमार और एसडीएम निशांत कुमार यादव की काॅल डिटेल और टाॅवर लोकेशन भी मांगी। गुप्ता ने खण्डपीठ को कहा कि गैंग रेप के आधा घंटे बाद ये अधिकारी घटनास्थल सुखदेव ढाबा पहुंचे और पीडितो को दिल्ली सीमा तक पहुंचाया।
गुप्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर जोर दिया। हाईकोर्ट ने भी अपनी टिप्पणी में कहा कि यदि हरियाणा पुलिस की जांच से संतोष नहीं हुआ तो मामला सीबीआई को सौंप दिया जायेगा। अब इस मामले में 18 अप्रेल को सुनवाई होगी। हरियाणा सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील तुषार मेहता गुरूवार को सुनवाई में शामिल नहीं थे।