किस घड़ी वक्त का मिजाज बदले और बंदा फर्श से अर्श पर पहुंच जाए। बात एक ऐसे ही शख्स की, जिसको बचपन में कभी-कभी खाना भी मयस्सर नहीं हो पाता था, लेकिन वो अपनी मेहनत, जुनून और जज्बे से ऐसे मुकाम पर पहुंचा है। जहां देश न सिर्फ उसे पहचानता है, बल्कि उसकी मिसाल दी जाती है।
हम बात कर रहे हैं इंडियन क्रिकेटर हार्दिक पंड्या की, पंड्या मैच दर मैच और ज्यादा निखरते जा रहे हैं, वो कभी बैटिंग, कभी बॉलिंग तो कभी फील्डिंग से मैच पर छाप छोड़ जाते हैं। पंड्या के फैन्स की लंबी फेहरिस्त है। पंड्या आज की तारीख में करोड़पति क्रिकेटर बन चुके हैं। लेकिन उनका उनका बचपन बेहद मुश्किलों के बीच बीता।
हार्दिक पंड्या का जन्म 11 अक्टबर 1993 को गुजरात के सूरत में रहने वाले हिमांशु पंड्या के घर हुआ। उनके पिता कार फाइनेंस का छोटा-सा बिजनेस करते थे। हार्दिक जब पांच साल के थे तो उनके पिता ने लगातार हो रहे घाटे को देखते हुए कार फाइनेंस का बिजनेस बंद कर दिया। इसके बाद वे परिवार समेत बड़ौदा शिफ्ट हो गए। वहां वे किराए के मकान में रहने लगे। पंड्या के पिता हिमांशु की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कई बार ऐसी भी नौबत आई कि हार्दिक और उनके बड़े भाई क्रुणाल को दिन में एक बार ही खाना मिल पाता था।
इनके पिता हिमांशु को कई बार हार्ट अटैक आ चुका था। खराब होती सेहत के कारण उनके लिए नौकरी कर पाना संभव नहीं था। इसलिए दोनों भाइयों का बचपन काफी दिक्कतों के बीच बीता।
हार्दिक के पिता हिमांशु पंड्या भी क्रिकेट के बड़े फैन रहे हैं। वो हार्दिक और क्रुणाल को साथ में मैच दिखाते थे और उनके साथ क्रिकेट खेलते भी थे। दोनों भाइयों का इंटरेस्ट क्रिकेट में देखते हुए उनके पिता ने 5 साल के हार्दिक और 7 साल के क्रुणाल का एडमिशन किरण मोरे की क्रिकेट एकेडमी में करा दिया। बेटों की खेल के प्रति लगन को देखकर ही उनके पिता बड़ौदा से मुंबई शिफ्ट हो गए थे।
हार्दिक पंड्या आज करोड़पति बन चुके हैं। पंड्या टीम इंडिया में खेलने के अलावा IPL में मुंबई इंडियन्स टीम से भी खेलते हैं और अलग-अलग कंपनियों के साथ उनकी ब्रांड एंडोर्समेंट डील भी है।