चंडीगढ, 16 फरवरी। हरियाणा में छात्र संघ चुनावों की बहाली की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल के छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विज सिंह चौटाला ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। दिग्विजय सिंह चौटाला शुक्रवार को हिसार में गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय कुलपति आफिस के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए।
दिग्विजय चौटाला के साथ पांच अन्य छात्र नेता जसविंद्र खैरा, मंजू जाखड़, जयदेव नौलथा, योगेश गौत्तम व असीम ढिल्लो भी आमरण अनशन पर बैठे हैं। इनसो की छात्र संघ की मांग के समर्थन में प्रदेश भर के विभिन्न कालेज व विश्वविद्यालयों से छात्र आमरण अनशन स्थल पर पहुंचे और अपना समर्थन जताया। इनसो की मांग के समर्थन में बरवाला से विधायक वेद नारंग, उकलाना से विधायक अनूप धानक, महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन शीला भ्याण, रिटायर्ड एसपी राजसिंह मोर भी पहुंचे। इनेलो जिला अध्यक्ष राजेंद्र लितानी ने इनसो को आश्वस्त किया कि छात्र संघ चुनाव बहाली की लड़ाई में वे कंधे से कंधा मिला कर साथ देंगे।
दिग्विजय चौटाला ने ऐलान किया कि इनसो का आंदोलन अब छात्र संघ के चुनावों की घोषणा के बाद ही समाप्त होगा। तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में छात्र संघ चुनाव करवाने की घोषणा भाजपा ने विधानसभा चुनावों से पहले की थी परन्तु पौने चार वर्ष बाद भी खट्टर सरकार इस घोषणा को अमल में नहीं ला रही है। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस मांग को लेकर इनसो तीन बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, तीन बार शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा से मिल चुकी है परन्तु सरकार इनसो के आंदोलन को कमजोर करने के लिए लगतार तारीख पर तारीख देकर टालने का काम किया गया है। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर जल्द ही छात्र संघ के चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो इनसो अपने इस आंदोलन को बड़े स्तर पर चलाएगा।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि खट्टर सरकार जानबूझ कर ऐसे हालात पैदा कर रही है कि छात्रों की पढ़ाई बाधित हो, इसीलिए सरकार के दबाव में गुजवि प्रशासन द्वारा देर सायं को छुट्टी कर दी गई। इनसो नेता ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन जबरन विद्यार्थियों से हॉस्टल खाली करवा रहा है जो किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दिग्विजय ने कहा कि इनसो हमेशा से इस बात की पक्षधर रही है कि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, उनकी लड़ाई सरकार से है न कि छात्रों से। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेती, तब तक शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक ढंग से उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।