नयी दिल्ली, 12 फरवरी : रेलवे बोर्ड के एक नये प्रस्ताव के अनुसार छोटे रेलवे स्टेशनों पर शौचालय का इस्तेमाल करना जल्द ही सस्ता और यहां तक कि छोटे स्टेशनों पर यह मुफ्त हो सकता है।
वर्तमान समय में सशुल्क शौचालय नीति ऐसे शौचालयों का निर्माण करने वाले ठेकेदारों को उसके इस्तेमाल की दर तय करने की इजाजत देती है, हालांकि यह बाजार कीमत पर होती है।
नयी नीति के अनुसार मंडल रेल प्रबंधकों को इसका अधिकार दिया गया है कि वे यह निर्णय करें कि वे इन शौचालयों को जनता के इस्तेमाल के लिए सशुल्क रखना चाहते हैं या मुफ्त रखना चाहते हैं। दो फरवरी को बोर्ड की बैठक के बाद रेलवे बोर्ड का सात फरवरी की तिथि वाला एक पत्र सभी जोनल रेलवे को भेजा गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘सभी डीआरएम को इसका अधिकार दिया गया है कि वे स्थान विशिष्ट मूल्यांकन करे और इसका निर्णय करें कि सशुल्क शौचालय को एक कमाई वाले ठेके के तौर पर लिया जाए या एक सेवा वाले ठेके के तौर पर।’’
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सशुल्क शौचालय नीति की समीक्षा की जरूरत तब महसूस हुई जब यह रिपोर्ट आयी कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत पर्याप्त संख्या में शौचालयों का निर्माण नहीं हो रहा है और छोटे ग्रामीण रेलवे स्टेशनों पर लोग इन शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।