अंडर-19 क्रिकेट टीम को वर्ल्ड चैम्पियन बनाने के बाद कोच राहुल द्रविड़ ने फिर से साबित कर दिया कि उन्हें ‘द वॉल’ क्यों कहा जाता है। लेकिन आपको पता है कि उन्हें ये नाम किसने दिया। आज राहुल द्रविड़ से जुड़े कुछ ऐसे ही इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स के बारे में बताते हैं।
एक ऐड एजेंसी में काम करने वाले नीमा नामचू और नितिन बेरी ने राहुल द्रविड़ को ‘द वॉल’ नाम दिया था। बात 1996-97 की है। नीमा नामचू और नितिन बेरी को टीम इंडिया के खिलाड़ियों के साथ मिलकर रिबॉक के लिए एक ऐड बनाना था। ऐड में सभी खिलाड़ियों को एक उपनाम देना था। जिसमें पंच हो और उस खिलाड़ी की प्लेइंग स्टाइल से मैच करता हो। इसी के चलते राहुल द्रविड़ को ‘द वॉल’ नाम दिया गया। उसी ऐड में अजहर को ‘The Assassin’ और कुंबले को ‘The Viper’ नाम दिया गया था। लेकिन बाद में लोग ये नाम भूल गए याद रहा तो सिर्फ द वॉल, क्योंकि द्रविड़ ने दीवार की तरह ही टिक पर लंबी पारी खेली।
क्रिकेट एक्सपर्ट विक्रम साठे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राहुल द्रविड़ को द वॉल नाम दिए जाने के बाद अखबारों में इसी नाम से हेडलाइन्स बनने लगीं। राहुल के अच्छे प्रदर्शन के बाद ‘The Wall Stands Tall’ और खराब प्रदर्शन के बाद ‘The Wall Collapses in Defeat’ जैसी हेडलाइन्स भी लगीं। राहुल द्रविड़ 1996 के पहले टेस्ट से लेकर 9 मार्च 2012 तक फील्ड पर दीवार बनकर ही खेले।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि द्रविड़ क्रिकेट खेलने से पहले हॉकी के खिलाड़ी थे। राहुल ने 4 मई 2003 में नागपुर की रहने वाली विजेता पेंडरकर से शादी की, जो कि पेशे से सर्जन हैं। इस कपल के दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम समित है, जिसका जन्म 2005 में हुआ। वहीं छोटे बेटे का नाम अन्वय है जिसका जन्म साल 2009 में हुआ।
राहुल द्रविड़ के नाम से चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एक दीवार है जिस पर तीन शब्द कमिटमेंट, क्लास और कंसिसटेंसी लिखे हैं। ये तीनों शब्द राहुल द्रविड़ की पर्सनाल्टी को बखूबी बयां करते हैं।
राहुल के जन्म के बाद उनका परिवार इंदौर से बेंगलुरु शिफ्ट हो गया। इस स्टार क्रिकेटर के पिता बच्चों के लिए जैम बनाने वाली फैक्ट्री में काम करते थे, जिसकी वजह से बचपन में राहुल का नाम जैमी पड़ गया।
टीम इंडिया के लिए जब पहली बार उनका सिलेक्शन हुआ तब वे सेंट जोसेफ कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में MBA कर रहे थे।