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आरोपपत्र में खुलासा किया गया कि गुरूग्राम पुलिस ने बस कण्डक्टर अशोक को फसाने के प्रयास किए थे

चंडीगढ,6फरवरी। हरियाणा के गुरूग्राम स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल में पिछले वर्ष 9 सितम्बर को कक्षा दो के सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की वाशरूम में गला रेत कर की गई हत्या की सनसनीखेज वारदात के सिलसिले में सीबीआई ने स्कूल के ही कक्षा ग्यारह के छात्र के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में सीबीआई ने उन सभी साक्ष्यों का विस्तार से खुलासा किया है जिनके आधार पर कक्षा ग्यारह के छात्र को वारदात का अभियुक्त तय किया गया। साथ ही इस बात का भी खुलासा किया गया कि गुरूग्राम पुलिस ने इस मामले में बस कण्डक्टर अशोक कुमार को फंसाने के प्रयास किए थ।

 

सीबीआई द्वारा दाखिल आरोपपत्र के अनुसार स्कूल के मुख्य प्रवेशद्वार व ग्राउण्ड फ्लोर के काॅरीडोर में वारदात स्थल वाशरूम के पीछे की ओर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में अभियुक्त छात्र को वाशरूम में मृतक छात्र प्रद्युम्न के साथ वारदात के समय आते और जाते देखा गया। वारदात की सूचना भी अभियुक्त द्वारा सबसे पहले स्कूल स्टाफ को दी गई। सीसीटीवी फुटेज में मिली तस्वीरों के अलावा अभियुक्त द्वारा प्रद्युम्न का गला रेतने में इस्तेमाल किए गए चाकू और मृतक के गले पर मिले घाव में समानता की पुष्टि पोस्टर्माटम करने वाले डाक्टरों ने कर दी। इसके अलावा मौका-ए-वारदात से लिए गए फिंगर प्रिट भी जांच में अभियुक्त के फिंगर प्रिंट से मिल गए।

आरोपपत्र के अनुसार सीबीआई अभियुक्त छात्र तक सीसीटीवी फुटेज में देखे जाने पर ही पहुंची। इसके बाद जब स्कूल स्टाफ व अभियुक्त के साथी छात्रों से पूछताछ की गई तो उसकी आपराधिक मनोवृत्ति की पुष्टि होती चली गई। कई सहपाठी छात्रों ने अपने बयान अदालत में दर्ज करवाये है। इन बयानों के अनुसार अभियुक्त छात्र ने प्रद्युम्न की हत्या से पहले अगस्त माह में होने वाली पेरेट््स-अध्यापक मीट रोकने के लिए स्कूल के छात्रों की पानी की बोतल या पानी की टंकी में जहर मिलाने की वारदात को अंजाम देने का मंसूबा भी बनाया था और साथी छात्रों से जहर लाकर देने को कहा था। लेकिन साथी छात्र इस मंसूबे को जानकर सहम गए थे। इसके बाद अभियुक्त छात्र ने प्रद्युम्न की हत्या को अंजाम दिया।

सीबीआई ने आरोपपत्र में अदालत से प्रार्थना की है कि पहले इस मामले में हरियाणा पुलिस द्वारा अभियुक्त बनाए गए रयान स्कूल की बस के कण्डक्टर अशोक कुमार को आरोप मुक्त किया जाए क्योंकि उसके खिलाफ सबूत नहीं मिले है। सीबीआई ने कहा है कि अशोक कुमार के खिलाफ एक भी सबूत नहीं मिला जो कि उसकी लिप्तता की पुष्टि करता हो। सीबीआई ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि पुलिस ने दवाब डाल कर अशोक कुमार से अपराध कबूल करवाया। इसके बाद जब गला रेतने के लिए चाकू हासिल करने के बारे में पूछा गया तो पहले अशोक ने कहा कि उसने आगरा से खरीदा था। लेकिन बाद में पुलिस ने कहलवाया कि स्कूल बस के टूल बाॅक्स से यह चाकू लिया गया था। बस के चालक सौरभ ने अपने बयान में सीबीआई को बताया कि बस के टूल बाॅक्स में कभी चाकू रहा ही नही। सीबीआई को सीसीटीवी फुटेज व गवाहों के बयानों से अशोक कुमार की मौजूदगी वारदात स्थल पर नहीं मिली। इसके विपरीत यह पाया गया कि वाशरूम में गंभीर घायल पडे प्रद्युम्न को उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए अशोक कुमार को अन्य स्टाफ सदस्यों ने पुकारा था। इसके बाद अशोक कुमार ने धायल प्रद्युम्न को उठाया व वैगन-आर कार में अस्पताल रवाना किया।

आरोपपत्र में साक्ष्यों के आधार पर पुष्टि की गई है कि अभियुक्त छात्र पढाई में कमजोर था और उसने करीब आती परीक्षा को टालने के लिए प्रद्युम्न की हत्या को अंजाम दिया। प्रद्युम्न को इस वारदात का शिकार बनाने का कारण यह बताया गया कि वह म्युजिक कक्षा के दौरान प्रद्युम्न के करीब था और प्रद्युम्न के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत करता रहा था।

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