नई दिल्ली, 25 अप्रैल: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस बर्बर हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे भारत में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। वहीं अब, भारत को इस लड़ाई में वैश्विक समर्थन भी मिल रहा है — रूस और अमेरिका दोनों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को ‘ग्रीन सिग्नल’ दे दिया है।
अमेरिका और रूस की कड़ी प्रतिक्रिया
रूस ने पहले ही अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा से बचने की सलाह देते हुए अपनी चिंता जताई थी। अब अमेरिका ने भी साफ तौर पर भारत के साथ खड़े होने का एलान किया है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की निदेशक तुलसी गबार्ड ने न सिर्फ इस हमले की निंदा की, बल्कि भारत को आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए अपनी पूर्ण सहमति और समर्थन भी दिया।
उन्होंने कहा,
“भारत आतंकवाद के खिलाफ जो भी कदम उठाएगा, अमेरिका हर स्तर पर उसकी मदद करेगा।”
पीएम मोदी का कड़ा संदेश: “अब बख्शा नहीं जाएगा”
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा है कि,
“आतंकियों को उनके किए की सजा दी जाएगी और जिम्मेदार किसी भी कीमत पर नहीं बच पाएंगे।”
उन्होंने देशवासियों से शांति बनाए रखते हुए एकजुट रहने की अपील की।
भारत का आत्मविश्वास बढ़ा, पाक पर बढ़ेगा दबाव
रूस और अमेरिका से मिले समर्थन के बाद भारत का आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया है। अब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक भारत आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए ‘ऑपरेशन क्लीन-अप’ जैसे ठोस सैन्य और खुफिया अभियान शुरू कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को मिल सकता है और सहयोग
भारत अब यह संदेश स्पष्ट रूप से दे चुका है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अकेला नहीं है। वैश्विक समर्थन मिलने के बाद अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत और सहयोगी देश मिलकर आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठा सकते हैं।