नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025 — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के एक दिन बाद, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए 5 बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें देश की सुरक्षा और कूटनीति से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
हमले की निंदा और जवाबदेही की चेतावनी
बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और पीड़ितों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमले के दोषियों और उनके विदेशी प्रायोजकों को बख्शा नहीं जाएगा। CCS ने सभी सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
भारत के पांच बड़े फैसले
1. अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट बंद:
भारत ने पाकिस्तान से जुड़ी अटारी सीमा चौकी को बंद करने का फैसला किया है। इससे सीमापार आवाजाही पर रोक लग जाएगी, जो एक बड़ा कूटनीतिक और रणनीतिक संकेत माना जा रहा है।
2. इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास होगा बंद:
भारत ने पाकिस्तान में स्थित अपने दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया है। इससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद लगभग समाप्त हो जाएगा।
3. सिंधु जल संधि स्थगित:
भारत ने तीसरा कड़ा कदम उठाते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। यह पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
4. पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश:
भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही, भारतीय उच्चायोग से रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुला लिया जाएगा।
5. पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा नहीं मिलेगा:
भारत ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करना बंद कर दिया है। पहले से जारी वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं, और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और समर्थन
विदेश सचिव ने बताया कि कई देशों ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। “यह वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की भावना को दर्शाता है,” उन्होंने कहा।
उच्चस्तरीय भागीदारी
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं हालात की समीक्षा की और सभी मंत्रालयों को समन्वय के साथ त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
सर्वदलीय बैठक की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर आगे की रणनीति के लिए गुरुवार (24 अप्रैल) को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को शामिल किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विभिन्न दलों के नेताओं से चर्चा कर रहे हैं।