शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी पंजाब के कपूरथला के राजा हरनाम सिंह की बेटी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को हुआ। वो देश की पहली केंद्रीय मंत्री थीं। वो दस साल तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं। वो महात्मा गांधी के बेहद करीब थीं। विदेश में पढ़ाई करने के बाद वो वापस भारत लौटीं और स्वतंत्रता संग्राम में जुट गईं। राजकुमारी रहने के बाद भी वो बिलकुल सिंपल रहना पसंद करती थीं। वो आम लोगों से मिला करती थीं।
भारत लौटने के बाद वो भारत को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गईं। महात्मा गांधी से उनकी पहली मुलाकात 1934 में हुई। वो महात्मा गांधी के साथ नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गईं। महात्मा गांधी अकसर अपने लेटर में अमृत कौर को ‘मेरी प्यारी बेवकूफ’ और ‘बागी’ बुलाते थे और आखिर में खुद को तानाशाह भी बुलाते थे। आजाद भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनने का सौभाग्य भी राजकुमारी अमृत कौर को मिला.