चंडीगढ़, 17 अप्रैल 2025 – पंजाब की सियासत में एक बार फिर तूफान आ गया है! कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा के हालिया बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, खासकर जब खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने उस बयान का खुला समर्थन कर डाला।
आप (AAP) पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस और भाजपा से पूछा – “ये रिश्ता क्या कहलाता है?” अरोड़ा ने कहा कि बाजवा जैसे वरिष्ठ नेता के ऐसे बयान राज्य की शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं, और इन बयानों से चरमपंथी ताकतों को बल मिलता है।
बाजवा का विवादित बयान:
प्रताप बाजवा ने पंजाब में कथित ग्रेनेडों के प्रवेश का दावा किया था, जिसे उन्होंने बाद में एक अखबार की रिपोर्ट से प्रेरित बताया। अमन अरोड़ा का कहना है कि यदि बाजवा ने शुरुआत में ही अपने स्रोत को स्वीकार कर लिया होता, तो सनसनी फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती।
“राजनीतिक अस्तित्व बचाने की कोशिश में आग से खेल रहे हैं कुछ नेता”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरोड़ा ने कहा, “कुछ नेता अब बेतुके और खतरनाक बयान दे रहे हैं ताकि वो अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रख सकें। लेकिन इसका खामियाजा पंजाब की जनता को भुगतना पड़ता है।”
पन्नू का समर्थन: खतरे की घंटी
गुरपतवंत पन्नू जैसे राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा बाजवा की टिप्पणियों का समर्थन मिलने पर अरोड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “जब मुख्यधारा के नेता ऐसे बयान देते हैं, तो पन्नू जैसे तत्व इसे अपने एजेंडे के लिए इस्तेमाल करते हैं।”
कांग्रेस और भाजपा से जवाबदेही की मांग
अरोड़ा ने पूछा –
“क्या कांग्रेस बाजवा की टिप्पणियों और पन्नू के समर्थन के साथ खड़ी है? और भाजपा आखिर पन्नू जैसे आतंकियों के खिलाफ क्या कदम उठा रही है?”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और पूछा कि पन्नू अमेरिका में रहते हुए भारत के खिलाफ ज़हर उगल रहा है, तो भारत सरकार इस पर अमेरिकी प्रशासन से कड़ा रुख क्यों नहीं अपनाती?
“पंजाब की एकता से कोई समझौता नहीं”
अरोड़ा ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि पंजाब की शांति, भाईचारे और विकास को किसी भी कीमत पर व्यक्तिगत या राजनीतिक एजेंडे की भेंट न चढ़ने दिया जाए।