जींद, 17 अप्रैल: विश्व हीमोफिलिया डे के मौके पर एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। जींद के सरकारी अस्पताल में पिछले दो महीनों से हीमोफिलिया A का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है, जिससे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हीमोफिलिया A एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसमें खून का थक्का नहीं बनता और मरीज को बार-बार खून बहने की स्थिति का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में फैक्टर-8 इंजेक्शन की जरूरत होती है, जो इस बीमारी में खून को जमाने में मदद करता है।
12 हजार रुपये में खरीदना पड़ रहा है इंजेक्शन
सरकारी अस्पताल में स्टॉक खत्म होने के कारण मरीजों को मजबूरी में बाहर से यह इंजेक्शन खरीदना पड़ रहा है, जिसकी बाजार कीमत लगभग 12 हजार रुपये प्रति डोज है। गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए यह एक बड़ी आर्थिक चुनौती बन गई है।
डिप्टी एम.एस. डॉ. राजेश भोला का बयान
सरकारी अस्पताल जींद के डिप्टी एम.एस. डॉ. राजेश भोला ने बताया कि, “हीमोफिलिया A का इंजेक्शन फैक्टर-8 पिछले दो महीनों से उपलब्ध नहीं है। इसकी डिमांड को लेकर जींद CMO और हेडक्वार्टर को पत्र भेजा गया है। जैसे ही इंजेक्शन मिलेंगे, तुरंत मरीजों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।”
डॉ. भोला ने यह भी कहा कि हीमोफिलिया B के इंजेक्शन अस्पताल में मौजूद हैं, लेकिन हीमोफिलिया A के मरीजों को अब तक PGI रोहतक या PGI खानपुर रेफर करना पड़ रहा है।