चंडीगढ़, 14 अप्रैल: पंजाब कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के ’50 ग्रेनेड’ संबंधी बयान ने राज्य की राजनीति में बवाल मचा दिया है। उनके इस बयान पर मोहाली साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ आईटी एक्ट समेत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
बाजवा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया था कि “पंजाब में 50 ग्रेनेड लाए गए हैं, जिनमें से 18 का इस्तेमाल हो चुका है, जबकि 32 अभी भी बचे हैं।” इस कथन को लेकर सरकार ने उनकी कड़ी आलोचना की है और उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं।
FIR का कानूनी पक्ष
बाजवा पर धारा 197(1)(D) (राष्ट्र की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी जानकारी फैलाना) और धारा 353(2) (साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने की नीयत से अफवाहें फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।
काउंटर इंटेलिजेंस की पूछताछ
रविवार को काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने प्रताप बाजवा से उनके आवास पर पूछताछ की। एआईजी रवजोत ग्रेवाल के अनुसार, बाजवा ने अपने बयान के स्रोत का खुलासा नहीं किया और जांच में सहयोग नहीं किया। उनका कहना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और इस तरह की सूचना का स्रोत बताना जरूरी है।
सीएम भगवंत मान का तीखा हमला
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाजवा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “क्या आतंकवादी बाजवा को सूचना दे रहे हैं? उन्हें यह जानकारी कहां से मिली? क्या यह पाकिस्तान से संपर्क का नतीजा है?” सीएम ने यह भी पूछा कि अगर बाजवा को ग्रेनेड की जानकारी थी, तो उन्होंने समय रहते पुलिस को इसकी सूचना क्यों नहीं दी। उन्होंने इस बयान को “पंजाब में आतंक फैलाने की साजिश” करार दिया।
बाजवा का पलटवार: “बयान पर कायम हूं”
वहीं प्रताप सिंह बाजवा ने सीएम मान पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने बयान पर अडिग हैं और अपने सूत्रों का खुलासा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं और राज्य की सुरक्षा से जुड़े विषयों पर बोलना उनका अधिकार और कर्तव्य है। उन्होंने सरकार से “सीमा पार से खतरे” को गंभीरता से लेने की अपील की।