मुंबई, 9 अप्रैल: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर स्पेशल प्लेन से भारत लाया जा रहा है। राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने की सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वह आज देर शाम या कल तड़के भारत पहुंचेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, राणा के साथ इंटेलिजेंस और इन्वेस्टिगेटिव अधिकारियों की एक विशेष टीम भी होगी। राणा के प्रत्यर्पण के बाद, उसे एनआईए की कोर्ट में पेश किया जाएगा। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि राणा के खिलाफ एनआईए का मामला दिल्ली में दर्ज है, इसलिए उसे सबसे पहले दिल्ली लाया जाएगा, जहां उसे एनआईए की कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद, मुंबई क्राइम ब्रांच उसे अपनी कस्टडी में लेगी।
गोपनीय सुरक्षा इंतजाम:
राणा के प्रत्यर्पण को लेकर अमेरिकी कोर्ट के सुझावों के मुताबिक, दिल्ली और मुंबई की जेलों में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, भारत पहुंचने के बाद राणा को पहले कुछ हफ्तों तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कस्टडी में रखा जाएगा। यह पूरा ऑपरेशन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, एनआईए और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की निगरानी में हो रहा है।
अमेरिका सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
इससे पहले, अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने ताहव्वर राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी। राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसे भारत भेजने से उसकी जिंदगी खतरे में पड़ सकती है और वह वहां प्रताड़ित होगा।
राणा ने कहा था कि पाकिस्तान मूल का मुस्लिम होने के कारण उसे भारत में प्रताड़ित किया जाएगा और वह कई गंभीर बीमारियों का शिकार है, जिनमें पार्किंसंस रोग शामिल है। उसने यह भी आरोप लगाया था कि भारत में उसे राष्ट्रीय, धार्मिक और सांस्कृतिक भेदभाव का सामना करना पड़ेगा।
तहव्वुर राणा का आतंकवाद से जुड़ा इतिहास:
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और उसने पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की थी। वह 10 साल तक पाकिस्तान आर्मी में डॉक्टर के रूप में काम कर चुका था, लेकिन उसने बाद में यह नौकरी छोड़ दी। राणा, जो अब कनाडा का नागरिक है, भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल था और वह अमेरिका में शिकागो में व्यापार करता था।
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, राणा ने 2006 से लेकर 2008 तक पाकिस्तान में डेविड हेडली और अन्य आतंकियों के साथ मिलकर मुंबई आतंकी हमले की साजिश रची। इस दौरान उसने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी जैसे आतंकी संगठनों की मदद की। आतंकी डेविड हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन चुका है।
26/11 हमला:
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए इस आतंकी हमले में 160 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इस हमले को नाकाम करने के लिए भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सेना के कमांडो भेजे थे। इसके अलावा, नौसेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट किया गया था।
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत में न्यायिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इससे मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद है।