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चंद्र ग्रहण : 31 जनवरी को लगेगा चंद्र ग्रहण

31 जनवरी को माघ मास की पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा। ग्रहण का समय शाम 5 बजे के बाद से रात 9 बजे के बीच रहेगा। पंडितों और महा ज्ञानियों के अनुसार जिस दिन ग्रहण लगता है, उस दिन ग्रहण के समय से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। 31 जनवरी की सुबह 8 बजे के बाद सूतक शुरू हो गया है। ध्यान रखें सूतक काल में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, इसीलिए पूजा-पाठ से संबंधित उपाय सूतक से पहले करना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। अन्यथा दुर्भाग्य बढ़ सकता है और निकट भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि, पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण के योग में कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए…

1. तेल मालिश न करें

ग्रहण के समय तेल मालिश भी नहीं करना चाहिए। जो लोग ग्रहण के समय तेल मालिश करते हैं, उन्हें त्वचा संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

2. ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए

जो लोग ग्रहण के समय सोते हैं, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अत: पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति को ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए। गर्भवती स्त्री, रोगी और वृद्धजन इस समय में सो सकते हैं, विश्राम कर सकते हैं।

3 . गर्भवती स्त्रियों को क्या नहीं करना चाहिए

कहा जाता है कि ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री को सुई धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए मतलब सिलाई का कोई भी काम चंदग्रहण के वक्त न करें।
गर्भवती स्त्री को ग्रहण के समय कुछ काटना भी नहीं चाहिए और न ही नग्न आँखों से चंद्र ग्रहण को देखें कहा जाता है कि ऐसा करना होने वाले शिशु के लिए हानिकारण होता है।

4 . पति-पत्नी को रखना चाहिए संयम

ग्रहण काल में पति-पत्नी को संयम रखना चाहिए यानी दूरी बनाए रखनी चाहिए। यदि ग्रहण के समय पति-पत्नी द्वारा संबंध बनाए जाते हैं तो यह अशुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय बनाए गए संबंध से उत्पन्न होने वाली संतान का स्वभाव अच्छा नहीं रहता है यानी उस संतान में कई बुराइयां हो सकती हैं। अत: पति-पत्नी को ग्रहण काल में सावधानी रखनी चाहिए।

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