Sunday , 24 November 2024

समाज की सोच बदलती हैं ‘पैडमैन’ जैसी फिल्में : राकेश चतुर्वेदी

दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से मुंबई पहुंचे अभिनेता राकेश चतुर्वेदी नसीरुद्दीन शाह के थिएटर ग्रुप ‘मोटली’ के प्रमुख अभिनेताओं में गिने जाते हैं। राकेश ‘परजानिया’ में काम कर चुके हैं और बतौर निर्देशक दो फिल्में ‘बोलो राम’ और ‘भल्ला एट हल्ला डॉट कॉम’ भी बना चुके हैं। अब वह अक्षय कुमार वाली फिल्म ‘पैडमैन’ में नजर आएंगे। उन्होंने अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ जोकि जल्द ही रिलीज होने वाली है, के बारे में बताया, कि ‘यह एक ऐसे इंसान (अरुणाचलम मुरुगानंथम) के जीवन पर आधारित है, जिसने महिलाओं के लिए सस्ते सैनेटरी नैपकिन बनाने की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया था। अक्षय कुमार इस कहानी के नायक हैं और राकेश चतुर्वेदी इसमें एक प्रोफेसर का किरदार निभा रहे हैं ,जो अक्षय के जीवन में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक घटना की वजह बनता है।’
राकेश कहते हैं कि यह किरदार इस कहानी के चंद अहम टर्निंग प्वाईंट्स में से एक है। फिल्म देखने वालों को उनका किरदार जरूर याद रहेगा।
टॉयलेट या सैनेटरी नैपकिन जैसे वर्जित समझे जाने वाले विषयों पर मनोरंजक फिल्में बनने से लोगों की सोच पर पड़ने वाले असर के बारे में राकेश का कहना है, ‘जब ऐसे विषयों पर बड़े सितारे फिल्म लेकर आते हैं, तो उसका असर जरूर पड़ता है। लोग इन विषयों के बारे में सोचने लगते हैं, बात करने लगते हैं और कहीं न कहीं एक खुलापन आने लगता है। मुझे लगता है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन इस तरह की फिल्में समाज की सोच को बदलने का और समाज को आगे लेकर जाने का काम करती हैं।’
बतौर अभिनेता अब ‘धूर्त’ और ‘अदृश्य’ में आने के अलावा राकेश बहुत जल्द बतौर निर्देशक अपनी अगली फिल्म शुरू करने जा रहे हैं। थिएटर से अपने जुड़ाव पर उनका कहना था ,कि ‘थिएटर में मेरी जड़ें हैं, मेरा खाद-पानी सब मुझे थिएटर से ही मिलता है। मुझे नहीं लगता कि मैं थिएटर कभी छोड़ पाऊंगा।’

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