चंडीगढ़, 12 मार्च: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगर प्रदेश में किसी भी गांव की शामलात देह भूमि वक्फ बोर्ड के नाम हस्तांतरित की गई है, तो उसकी गहन जांच कराई जाएगी।
पीर बोधी भूमि मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन
सीएम सैनी ने रोहतक-गोहाना मार्ग पर स्थित पीर बोधी मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए रोहतक मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें करनाल मंडलायुक्त और जिला उपायुक्त रोहतक भी शामिल होंगे। यह कमेटी मामले से संबंधित सभी तथ्य और रिकॉर्ड की गहनता से जांच करेगी।
1967 में शामलात भूमि, 1990 में वक्फ बोर्ड के नाम हुई दर्ज
सीएम ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि 1967-68 में यह भूमि शामलात देह भूमि थी, लेकिन 1990 में भारत सरकार ने इसे पंजाब वक्फ बोर्ड के नाम अधिसूचित कर दिया। बाद में इसे कब्रिस्तान के रूप में दर्ज किया गया और अब यह वक्फ बोर्ड के प्रबंधन में है।
“यह गंभीर विषय, जांच से होगा पर्दाफाश” – सीएम सैनी
सीएम नायब सैनी ने कहा, “यह बड़ा गंभीर विषय है कि शामलात देह भूमि को वक्फ बोर्ड के नाम कैसे कर दिया गया। इसके पीछे कौन लोग थे, और यह कैसे हुआ, इसकी पूरी जांच की जाएगी।” उन्होंने कहा कि 2024 में लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद यह जमीन वक्फ बोर्ड के अधिकार में आई और अब इसे लीज पर दिया गया है।
जोहड़-तालाबों को संरक्षित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार प्रदेश में जोहड़, तालाब और जलाशयों के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम 2024 में संशोधन किया गया है।
उन्होंने कहा कि 500 गज तक मकान बनाकर रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिया गया है, लेकिन अगर जमीन पर जोहड़, तालाब या जलाशय होगा, तो वहां मकान नहीं बनाया जा सकेगा।