चंडीगढ़, 11 मार्च – भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने केंद्र सरकार की कृषि विपणन नीति के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसान किसी भी कीमत पर इस नीति को लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति पुराने तीन कृषि कानूनों का नया रूप है और यह किसानों को बर्बाद कर देगी।
किसानों ने हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन किए और सरकार विरोधी नारेबाजी के साथ इस नीति की प्रतियां जलाईं। इस दौरान करनाल में भारी संख्या में किसान एकत्र हुए और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
जल्द समाधान नहीं हुआ तो 20 मार्च को होगी किसान महापंचायत
रतनमान ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो 20 मार्च को पीपली में महापंचायत बुलाई जाएगी, जहां आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें:
1. कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति को रद्द किया जाए।
2. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी दी जाए।
3. बिजली कानून में संशोधन बिल और स्मार्ट मीटर योजना वापस ली जाए।
4. किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे खारिज किए जाएं।
5. पराली जलाने पर किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं।
6. रबी 2025 की गेहूं और अन्य फसलों पर बोनस दिया जाए।
7. सूखा राहत और फसल बीमा के लंबित दावों का तुरंत भुगतान हो।
8. सरसों की खरीद जल्द शुरू की जाए।
9. किसानों को कर्ज़ मुक्त किया जाए और सहकारी सोसाइटियों में कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाए।
10. बुढ़ापा पेंशन बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह की जाए।
11. आवारा पशुओं की समस्या का समाधान किया जाए।
सड़कों पर उतरे किसान, घंटों लगा जाम
प्रदर्शन के दौरान करनाल समेत कई शहरों में भारी जाम लग गया। आंदोलन को राज्य चेयरमैन यशपाल राणा, महासचिव सुरेंद्र बैनिवाल, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।
किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे और बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं।अब सबकी नजरें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।