चंडीगढ़, 4 मार्च: हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने श्रमिकों के पंजीकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गलत तरीके से पंजीकरण रद्द करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस संबंध में श्रम विभाग को निर्माण श्रमिकों की सूची की दोबारा जांच करने का आदेश दिया गया है।
दरअसल, हाल ही में श्रमिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मुलाकात कर शिकायत की थी कि बिना किसी ठोस कारण के हजारों निर्माण श्रमिकों के नाम ब्लॉक कर दिए गए हैं। समीक्षा के दौरान सामने आया कि 50,000 से अधिक श्रमिकों के पंजीकरण को गलत तरीके से रद्द किया गया है। इस पर श्रम मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी के लिए एक दिन में 2000 से अधिक श्रमिकों का सत्यापन संभव नहीं है, ऐसे में इसमें गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
गलत तरीके से हटाए गए श्रमिकों को मिलेगा न्याय
मंत्री विज ने श्रम विभाग को सख्त हिदायत दी है कि जब तक पुनः जांच पूरी न हो, तब तक किसी भी श्रमिक को पंजीकरण सूची से बाहर न किया जाए। साथ ही, उन कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी जिन्होंने नियमों का उल्लंघन कर श्रमिकों के अधिकारों का हनन किया है।
इस फैसले के बाद प्रदेश के हजारों निर्माण श्रमिकों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो अब तक अपनी पात्रता के बावजूद कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हो रहे थे। श्रम विभाग को जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से श्रमिकों में उम्मीद जगी है कि उन्हें उनका हक मिलेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।