पंचकूला,03 मार्च: हरियाणा सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट को और अधिक समावेशी बनाने के लिए “बजट पूर्व परामर्श” कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में पंचकूला के रेड बिशप में दो दिवसीय सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें कैबिनेट मंत्री, विधायक, प्रशासनिक सचिव और अन्य अधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री सैनी, जो वित्त मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे हैं, ने कहा कि इस बार बजट प्रदेश के 2.80 करोड़ लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह बजट प्रदेश के नॉन-स्टॉप विकास को और गति प्रदान करेगा।”
विधायकों के सुझाव और प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने राज्य सरकार के बढ़ते बजट और बढ़ते कर्ज़ पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर बजट बढ़ रहा है, तो कर्ज़ कम होना चाहिए, लेकिन यहां तो दोनों ही बढ़ रहे हैं।” उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को पेट्रोल और डीजल पर VAT में कटौती करनी चाहिए, जिससे आम जनता को राहत मिले।
कांग्रेस विधायक मोहम्मद इलियास ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि कई योजनाएं जो पहले बजट में शामिल नहीं थीं, अब उन पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने मेवात जैसे पिछड़े जिलों के लिए विशेष योजनाएं लागू करने, रेलवे लाइन और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर दिया।
इनेलो विधायक आदित्य चौटाला ने इस बैठक को एक सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने कहा, “हरियाणा सभी का है, और सभी को बजट पर राय देने का अधिकार है।” उन्होंने डबवाली क्षेत्र में औद्योगिक विकास और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार से ठोस नीति बनाने की मांग की।
कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी के मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि “राज्य में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, युवाओं को नियमित नौकरियां मिलनी चाहिए और नशे की रोकथाम के लिए विशेष योजनाएं लागू करनी चाहिए।”
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें अपने संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना चाहिए और बजट का सही तरीके से वितरण करना चाहिए ताकि प्रदेश का विकास हो।”
सरकार का आश्वासन
मुख्यमंत्री सैनी ने सभी विधायकों को आश्वस्त किया कि उनके सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा और आने वाले बजट में उन्हें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट सिर्फ तात्कालिक जरूरतों को नहीं, बल्कि दीर्घकालिक लक्ष्यों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
बजट पूर्व परामर्श का दूसरा दिन 4 मार्च को आयोजित होगा, जहां विधायकों के सुझावों को अंतिम रूप दिया जाएगा। सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस बजट में किन सुझावों को शामिल करती है और प्रदेश के विकास को कैसे गति देती है।