चंडीगढ़, 3 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो राज्य के आबकारी एवं कराधान मंत्री भी हैं, के नेतृत्व में राज्य ने माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की है। फरवरी 2025 में हरियाणा का सकल जीएसटी संग्रह 9,925 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो फरवरी 2024 के मुकाबले 20% अधिक है। यह वृद्धि राष्ट्रीय औसत 10% से दोगुनी है और हरियाणा को महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु के साथ शीर्ष 5 राज्यों में बनाए रखती है।
हरियाणा की रिकॉर्डतोड़ कर संग्रहण सफलता
भारत में फरवरी 2025 में सकल जीएसटी राजस्व 1,83,646 करोड़ रुपये रहा, जिसमें हरियाणा का योगदान प्रभावशाली रहा। जनवरी 2025 में भी हरियाणा ने सबसे ज्यादा वृद्धि दर दर्ज की थी, जिससे यह राज्य की मजबूत अर्थव्यवस्था और कर प्रशासन की सफलता को दर्शाता है।
सरकार की कर सुधार नीतियों का असर
राज्य सरकार की सख्त कर सुधार नीतियां, डिजिटलीकरण और पारदर्शिता इस वृद्धि का मुख्य कारण मानी जा रही हैं। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग, राज्य के कुल राजस्व का 80% से अधिक योगदान देता है।
अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक, विभाग ने 57,125 करोड़ रुपये एकत्र किए।
यह वर्ष 2024-25 के बजट लक्ष्य 63,348 करोड़ रुपये का 90% है, जिसे पार करने की पूरी उम्मीद है।
हरियाणा के आर्थिक विकास की नई उड़ान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में सरकार राजस्व संग्रहण को बढ़ाने और इसे विकास कार्यों में लगाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राजस्व वृद्धि से प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जनहितकारी योजनाओं में निवेश बढ़ेगा।
सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा को आर्थिक रूप से देश का सबसे मजबूत राज्य बनाया जाए। यह उछाल इस बात का प्रमाण है कि हरियाणा तेजी से औद्योगिक, व्यापारिक और आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।