चंडीगढ़,21 फरवरी 2025: हरियाणा सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने 10 जिलों में 10 नई इंटीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की योजना की घोषणा की है। ये टाउनशिप प्रमुख एक्सप्रेसवे और स्टेट हाईवे के किनारे बनाई जाएंगी, जिससे न केवल औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
कहां बनेंगी नई औद्योगिक टाउनशिप?
राज्य सरकार ने उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है, जहां बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये टाउनशिप उन स्थानों पर विकसित की जाएंगी जो प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित हैं या जहां दो महत्वपूर्ण राजमार्ग एक-दूसरे को काटते हैं। इस निर्णय के माध्यम से लॉजिस्टिक्स और परिवहन संबंधी समस्याओं को कम किया जा सकेगा, जिससे औद्योगिक गतिविधियां सुगम होंगी।
संभावित स्थान जहां टाउनशिप विकसित की जाएंगी:
- न्यू गुरुग्राम: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश के लिए प्रमुख केंद्र।
- हिसार (एयरपोर्ट के पास): विमानन उद्योग और निर्यात को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं।
- सिरसा (डबवाली-पानीपत हाईवे पर): व्यापार और कृषि उद्योग को मजबूती मिलेगी।
- ग्रेटर फरीदाबाद (जेवर एयरपोर्ट के नजदीक): दिल्ली-एनसीआर के औद्योगिक विकास का हब।
- भिवानी (नेशनल हाईवे 709 पर): नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अनुकूल स्थान।
- नारनौल (आगामी लॉजिस्टिक हब के पास): परिवहन सुविधाओं के चलते उद्योगों के लिए उपयुक्त क्षेत्र।
- जींद, कैथल और अंबाला: छोटे और मध्यम उद्योगों के विकास की संभावना।
नीति आयोग और हरियाणा सरकार की बैठक:
हरियाणा सरकार और नीति आयोग ने इन औद्योगिक टाउनशिप के विकास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की है। इस बैठक में योजना को अंतिम रूप देने और कार्य शुरू करने के तरीकों पर चर्चा की गई। कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि ये टाउनशिप दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे, नारनौल-अंबाला एक्सप्रेसवे (152D) और डबवाली-पानीपत हाईवे के किनारे विकसित की जाएंगी। इन क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाएगा, जिससे कंपनियों के संचालन में आसानी होगी।
रोजगार के नए अवसर:
नई औद्योगिक टाउनशिप से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार का मानना है कि इस परियोजना से लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्योगपतियों को भी इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि बड़ी कंपनियों के आगमन से सप्लाई चेन मजबूत होगी और स्थानीय उत्पादों की मांग बढ़ेगी।