चंडीगढ़ 14 फरवरी – लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हरियाणा विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय विधायी प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ पर कहा कि विधायकों का प्रशिक्षण लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि देश के 75 वर्षों के इतिहास में संसद और राज्य विधानसभाओं ने न केवल अंग्रेजी दौर के अप्रासंगिक कानूनों को हटाया, बल्कि नए और जरूरी कानूनों का निर्माण भी किया है।
श्री बिरला ने कहा कि विधायकों को बेहतर कानून बनाने के लिए प्रशिक्षित करना महत्वपूर्ण है, ताकि वे विधेयकों पर गंभीर चर्चा कर सकें और जनता को लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य विधानसभाओं और संसद का मुख्य कार्य नए कानूनों का निर्माण करना है, और इसके लिए हर विधायक को निपुण होना चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि अब तक 15 राज्यों में विधायी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, और प्राइड (संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान) द्वारा देशभर के सांसदों, पंचायतों और नगरपालिकाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
उन्होंने हरियाणा विधानसभा की सराहना करते हुए कहा कि विधानसभा ने अपने विधायकों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए नए कदम उठाए हैं और पेपरलेस विधानसभा की दिशा में भी तेज़ी से काम किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से नए चुने हुए जनप्रतिनिधियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।