चंडीगढ़,11 फरवरी| हरियाणा में भाजपा की सरकार में एक बड़ा राजनीतिक विवाद सामने आया है। पार्टी ने अपने ही वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर उनकी हालिया टिप्पणियों के बाद जारी किया गया है।
अनिल विज को नोटिस क्यों मिला?
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने सोमवार को विज को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। हाल ही में अनिल विज ने मुख्यमंत्री के जनता से सीधे संवाद की शैली पर टिप्पणी की थी और कसौली दुष्कर्म कांड के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली से इस्तीफा मांगा था। विज के इन बयानों को पार्टी नेतृत्व ने अनुशासनहीनता माना और कड़ी कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी कर दिया।
अनिल विज की प्रतिक्रिया
मंगलवार शाम को चंडीगढ़ पहुंचे अनिल विज से जब मीडिया ने इस नोटिस पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में मीडिया से ही पता चला। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि वे मीडिया के माध्यम से जवाब नहीं देंगे, बल्कि पार्टी हाईकमान को लिखित में भेजेंगे।
अनिल विज ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा—
“मैं तीन दिन बाद बेंगलुरु से आया हूं। सबसे पहले घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा, फिर बैठकर जवाब लिखूंगा और पार्टी हाईकमान को भेजूंगा। मुझे यह पता नहीं कि किसकी सहमति से मुझे नोटिस भेजा गया है।”
मंत्री पद पर संकट के बादल?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यदि भाजपा नेतृत्व अनिल विज के जवाब से संतुष्ट नहीं होता, तो उनका मंत्री पद खतरे में पड़ सकता है। यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब हरियाणा के मुख्यमंत्री दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त थे और पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त संदेश माना है।