नई दिल्ली, 11 फरवरी: मशहूर यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया और कॉमेडियन समय रैना हाल ही में अपने एक शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ को लेकर विवादों में घिर गए। शो के दौरान रणवीर ने एक प्रतियोगी से उसके माता-पिता की निजी जिंदगी से जुड़े आपत्तिजनक सवाल पूछे, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। यह टिप्पणी न केवल विवादित साबित हुई, बल्कि सोशल मीडिया पर इसे लेकर कड़ी आलोचना की गई। इसे अश्लील और अनुचित बताते हुए शो के बहिष्कार की भी मांग उठने लगी।
असम में FIR दर्ज
विवाद के बढ़ते मामले को देखते हुए असम पुलिस ने रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ FIR दर्ज की है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। इसके अलावा यूट्यूबर आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मखीजा और समय रैना के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है।
भोपाल में विरोध प्रदर्शन
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘संस्कृति बचाओ मंच’ संगठन ने रणवीर इलाहाबादिया और समय रैना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि दोनों यूट्यूबर भोपाल न आएं और इस विवादित टिप्पणी के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की।
महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की सख्ती
महाराष्ट्र महिला आयोग और मुंबई पुलिस कमिश्नर को भी इस मामले में शिकायतें मिली हैं। रणवीर, समय रैना, अपूर्व मखीजा और शो के आयोजकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। मुंबई पुलिस ने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के सेट पर जाकर जांच भी की। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर मर्यादा का उल्लंघन किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रणवीर इलाहाबादिया की माफी
मामला बढ़ता देख रणवीर इलाहाबादिया ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मेरा कमेंट अनुचित था और मजाकिया नहीं था। कॉमेडी मेरा क्षेत्र नहीं है। मैं कोई सफाई नहीं दूंगा, बस माफी मांगता हूं। मेरे पॉडकास्ट को हर उम्र के लोग देखते हैं और मैं जिम्मेदारी को हल्के में नहीं ले सकता।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे अपने प्लेटफॉर्म का सही इस्तेमाल करना चाहिए था। मैंने इस गलती से सबक लिया है। मैंने शो के मेकर्स से कहा है कि वीडियो का असंवेदनशील हिस्सा हटा दें। उम्मीद करता हूं कि इंसानियत के नाते आप मुझे माफ कर देंगे।”
सामाजिक और कानूनी प्रतिक्रिया
इस विवाद के बाद से सोशल मीडिया पर यूट्यूबर्स के लिए जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के बारे में गहरी चर्चा चल रही है। कई लोग यह मानते हैं कि सार्वजनिक मंचों पर अपने शब्दों के चुनाव के प्रति सावधान रहना चाहिए, खासकर जब वे कई उम्र और वर्ग के दर्शकों तक पहुंचते हों।
यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि इंटरनेट पर प्रभावी व्यक्तित्वों को अपनी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।