चंडीगढ़, 11 फरवरी: हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने अपने दौरे के दौरान महाराष्ट्र के नागपुर स्थित गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी और गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर दोनों केंद्रों द्वारा दी जा रही सेवाओं और सुविधाओं का अध्ययन किया। उनका उद्देश्य गुरुग्राम में प्रस्तावित दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी के लिए उच्चतम मानकों के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
गुरुग्राम में होगी दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी
राव नरबीर सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा गुरुग्राम में जो जंगल सफारी विकसित की जा रही है, वह न केवल पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगी, बल्कि यह वन्य जीवों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना में जंगल सफारी के साथ-साथ वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे और पर्यटकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
अरावली पर्वत श्रृंखला में बढ़ेगा रोजगार और पर्यटन
राव नरबीर सिंह ने कहा कि इस परियोजना के शुरू होने से अरावली पर्वत श्रृंखला में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इसके साथ ही, सरकारी राजस्व में भी वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने इस परियोजना को पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
संरक्षण प्रयासों और जैव विविधता पर ध्यान
राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम में जंगल सफारी परियोजना में पर्यटकों को केवल साहसिक और मनोरंजन का अनुभव नहीं मिलेगा, बल्कि वे वन्य जीवों के संरक्षण प्रयासों और जैव विविधता के महत्व के बारे में भी जागरूक होंगे। इस पहल का उद्देश्य न केवल स्थानीय पर्यटन उद्योग का समर्थन करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में संवेदनशीलता भी विकसित करना है।
कैबिनेट मंत्री के दौरे में शामिल अधिकारी
कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के इस दौरे के दौरान पीसीसीएफ (एचओएफएफ) विनीत गर्ग, पीसीसीएफ वन्यजीव विवेक सक्सेना, गुरुग्राम मंडल के वन संरक्षक सुभाष यादव, डीएफओ गुरुग्राम राजकुमार और डीडब्ल्यूएलओ रामकुमार भी उनके साथ थे।
राव नरबीर सिंह के इस दौरे से यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार जंगल सफारी परियोजना को अत्याधुनिक मानकों पर स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को एक नई दिशा देने की योजना बना रही है।