चंडीगढ़, 7 फरवरी – हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने राज्य में नशे की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को सख्त आदेश दिए हैं कि शेड्यूल एच और एक्स दवाओं की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाए। साथ ही, जो मेडिकल स्टोर प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री में लिप्त पाए जाएं, उनके लाइसेंस रद्द कर दुकानें तुरंत सील करने की कार्रवाई की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह निर्देश हरियाणा में “नशा मुक्ति कार्यक्रम” की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों में नशे की लत के निःशुल्क उपचार की उपलब्धता को सरल बनाया जाए और रोगियों की पहचान गोपनीय रखी जाए।
युवाओं और अभिभावकों को किया जाएगा जागरूक
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नशे की लत से युवाओं को बचाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें और यदि कोई संदिग्ध बदलाव दिखे तो तुरंत कार्रवाई करें।
हरियाणा को नशा मुक्त बनाने की योजना
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के लिए समाज और पुलिस की समान भागीदारी के साथ काम कर रही है। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने के कारण पिछले वर्ष 33 नशा मुक्ति केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए गए थे। इसके अलावा, भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से राज्य में 17 नए नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने अब तक 4505 एफआईआर दर्ज की हैं और 7523 नशा करने वालों की पहचान की है। इन युवाओं की सूची संबंधित जिलों के अधिकारियों को सौंप दी गई है ताकि उन्हें नशा मुक्ति सेवाएं प्रदान की जा सकें।
सिरसा में सबसे ज्यादा नशा करने वाले मरीज मिले
स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के निदेशक डॉ. ब्रह्मदीप ने बताया कि 2024-25 के वित्तीय वर्ष में ओपीडी में कुल 34,684 मामूली नशे के आदी मरीजों का इलाज किया गया, जबकि गंभीर रूप से नशे के आदी 2,651 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया। इनमें सबसे अधिक नशा करने वाले मरीज जिला सिरसा में पाए गए हैं।
बच्चों के लिए अलग नशा मुक्ति केंद्र होंगे स्थापित
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि नशा मुक्ति केंद्रों में बच्चों के लिए अलग से सुविधा या निर्दिष्ट क्षेत्र उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही, नशीली दवाओं के सेवन का जल्द पता लगाने के लिए सभी जिला सिविल अस्पतालों में मूत्र औषधि जांच किट उपलब्ध कराई गई हैं। ये किट ओपिओइड, कोकीन, कैनबिस, बेंजोडायजेपेन्स, एम्फैटेमिन और बर्बिट्यूरेट्स जैसी नशीली दवाओं के सेवन की त्वरित पहचान करने में सक्षम हैं।
राज्य सरकार नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए संकल्पबद्ध
हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नशा तस्करों और नशीली दवाओं की अवैध बिक्री करने वालों पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और समाज को मिलकर काम करना होगा।