अम्बाला,06 फरवरी – हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि अम्बाला में बनने वाला नया शहीदी स्मारक 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित होगा। इस स्मारक में उस ऐतिहासिक संग्राम के परिदृश्य को दर्शाया जाएगा, जिसमें हरियाणा के अलावा मेरठ, झांसी की रानी, तांत्या टोपे, गुजरात और अन्य महान क्रांतिकारियों के बलिदानों को उकेरा जाएगा।
अम्बाला छावनी: आजादी की पहली चिंगारी का केंद्र
कैबिनेट मंत्री विज ने बताया कि 10 मई 1857 को मेरठ में विद्रोह शुरू होने से 10 घंटे पहले, सुबह 9 बजे, अम्बाला छावनी में आजादी की पहली चिंगारी भड़की थी। इस दौरान सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि इतिहास में कई अनसंग हीरोज (गुमनाम नायक) हैं, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन उन्हें उचित पहचान नहीं मिली। इस स्मारक के माध्यम से उन सभी वीरों की कुर्बानियों को याद किया जाएगा।
विज ने बताया कि यह स्मारक देशभर के लोगों को 1857 के संग्राम की जीवंत झलक देगा। विशेष रूप से युवा पीढ़ी और बच्चों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि किस प्रकार अंग्रेजों ने क्रांतिकारियों को पेड़ों से बांधकर पीटा, तोपों के आगे बांधकर मारा और भारतीय सैनिकों पर क्रूर अत्याचार किए।
शहीदी स्मारक में होंगे आधुनिक सुविधाएं
कैबिनेट मंत्री ने यह भी बताया कि शहीदी स्मारक को आकर्षक और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इसमें एक सुंदर झील, 2000 लोगों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, ओपन थिएटर और हेलीपैड की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, रोजाना एक लाइट एंड साउंड शो आयोजित किया जाएगा, जिसमें ऐतिहासिक डॉक्यूमेंट्री फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी और नेता
स्मारक के निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा भाजपा नेता मोहित कौशिक, रवि बुद्धिराजा, हर्ष बिंद्रा, प्रमोद लक्की, श्याम सुंदर अरोड़ा, दीपक भसीन, अनुज यादव और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।