चंडीगढ़, 5 फरवरी 2025: हरियाणा के वन, पर्यावरण और वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने आज अरावली क्षेत्र में हरित रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सरकार की नई योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अरावली, जो हरियाणा की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक पर्वत श्रृंखला है, में पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक प्रयास किया जा रहा है।
राव नरबीर सिंह ने बताया कि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में फैले 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य इन राज्यों में हरियाली को बढ़ाना, जैव विविधता को संरक्षित करना और स्थानीय जल स्रोतों का पुनर्भरण करना है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह यादव इस परियोजना का 6 फरवरी को शुभारंभ करेंगे।
उन्होंने इस प्रोजेक्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि “साउदी अरब जैसे रेगिस्तानी देश ने भी ग्रीन वाल के जरिए अपनी हरित पट्टियों को विकसित कर लिया है।” इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने हरियाणा को इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी दी है।
जंगल सफारी को बढ़ावा
राव नरबीर सिंह ने यह भी जानकारी दी कि अरावली क्षेत्र में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल सफारी परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पर्यटन विभाग की बजाय वन एवं वन्य जीव विभाग को इस परियोजना को सिरे चढ़ाने की जिम्मेदारी दी है। इसके तहत, राज्य के अधिकारी महाराष्ट्र और गुजरात में स्थित जंगल सफारी परियोजनाओं का अध्ययन करेंगे।
इस परियोजना से न केवल अरावली क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए हरित रोजगार के अवसर सृजित होंगे, बल्कि जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण अनुकूल संसाधन प्रबंधन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वन मित्रों की नियुक्ति
राव नरबीर सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार ने युवा पीढ़ी को वन्य जीवन और प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए वन मित्रों की नियुक्ति की है। ये वन मित्र स्थानीय समुदाय को वनों से जोड़ने का कार्य करेंगे और उनके आजीविका के साधनों को बढ़ाने में मदद करेंगे।