नई दिल्ली, 1 फरवरी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए गिग वर्कर्स और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए अहम ऐलान किए। वित्त मंत्री ने गिग वर्कर्स को पहचान पत्र देने और उनके लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का प्रस्ताव रखा, वहीं स्ट्रीट वेंडर्स के लिए यूपीआई-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा का भी ऐलान किया।
गिग वर्कर्स के लिए आईडी कार्ड और सामाजिक सुरक्षा
वित्त मंत्री सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार गिग वर्कर्स को एक पहचान पत्र (ID Card) प्रदान करेगी, जिसके माध्यम से उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, गिग वर्कर्स को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी पहचान और अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।
सीतारमण ने यह भी बताया कि गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सामाजिक सुरक्षा और कल्याण की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। यह समिति विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर गिग वर्कर्स की सुरक्षा और भलाई के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी। इसके तहत जीवन और विकलांगता कवर, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य लाभ, मातृत्व सुरक्षा, और वृद्धावस्था सुरक्षा जैसे पहलुओं पर काम किया जाएगा।
स्ट्रीट वेंडर्स के लिए यूपीआई-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड
इसके अलावा, बजट में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी एक महत्वपूर्ण योजना का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को नया रूप दिया जाएगा, जिसके तहत स्ट्रीट वेंडर्स को यूपीआई-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 30,000 रुपये तक का ऋण मिलेगा। इससे उनके लिए व्यापार को बढ़ाने के नए अवसर खुलेंगे और डिजिटल भुगतान की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।
सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और गिग वर्कर्स
वित्त मंत्री ने 2020 में पारित सामाजिक सुरक्षा संहिता का जिक्र करते हुए बताया कि इस संहिता में पहली बार गिग वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को परिभाषित किया गया है और उनके लिए उपयुक्त सामाजिक सुरक्षा उपायों का प्रावधान किया गया है। इस कदम से गिग वर्कर्स को कानूनी सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा की सुविधा मिल सकेगी।
सरकार की विकास और समावेशी दृष्टि
अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने सरकार के समावेशी विकास के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह बजट भारत के उभरते मध्यम वर्ग की खरीदारी क्षमता को बढ़ाने और घरेलू मांग को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है। साथ ही, सरकार निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपायों पर काम कर रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25
इसके साथ ही, वित्त मंत्री ने 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण का भी जिक्र किया, जिसमें अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि भारत को अपने विकसित भारत के सपनों को पूरा करने के लिए अगले एक या दो दशकों में लगभग 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि प्राप्त करनी होगी।