पंजाब, 26 जनवरी: गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर पंजाब के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर ट्रैक्टर मार्च निकाले और विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने उन्हें जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया, जिसके कारण वे अपनी मांगों को लेकर फिर से सड़कों पर उतरे हैं।
पंजाब के जालंधर जिले के भोगपुर में किसान संगठनों ने एक विशाल ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ पठानकोट-जालंधर हाईवे पर इकट्ठा हुए और यहां से एक बड़ा विरोध मार्च निकाला। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था, जिसका उद्देश्य अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना था।
डल्लेवाल के अनशन का 62वां दिन
गणतंत्र दिवस पर किसान संघर्ष के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में, खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। उनकी सेहत में सुधार हुआ है, क्योंकि उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया गया है और मेडिकल उपचार भी दिया जा रहा है। डल्लेवाल और उनके समर्थकों का कहना है कि सरकार उनके साथ किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है, जिस कारण उनका अनशन जारी है।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसान संगठनों ने अपनी मांगों को स्पष्ट किया है, जिसमें प्रमुख रूप से एनपीएफएएम (New Farm Laws) को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी देने और कृषि ऋण माफी की मांग शामिल है। किसान संगठनों का कहना है कि जब तक इन मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, उनका संघर्ष जारी रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में संघर्ष को और तेज करने का फैसला लिया है। किसानों का यह आंदोलन उस समय और भी जोर पकड़ रहा है, जब गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय उत्सव के दिन वे अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि उनका आंदोलन शांति और लोकतांत्रिक तरीके से किया जा रहा है, लेकिन जब तक सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती, उनका संघर्ष जारी रहेगा।