राजस्थान , 12 जनवरी – हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान ने हरियाणा में लिंगानुपात में महत्वपूर्ण सुधार किया है। वर्ष 2014 में 871 के मुकाबले अब यह आंकड़ा 910 तक पहुँच गया है।
चिंतन शिविर में हरियाणा की उपलब्धियां प्रदर्शित
श्रुति चौधरी राजस्थान के उदयपुर में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के समापन अवसर पर बोल रही थीं। उन्होंने हरियाणा में महिला और बाल विकास से जुड़े सफल कार्यक्रमों और पहलों पर प्रकाश डाला।
हरियाणा की प्रभावशाली पहलें:
म्हारी लाडो रेडियो अभियान – समाज में जागरूकता और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन।
- संस्थागत प्रसव दर – 95% से अधिक, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई।
- एएनसी पंजीकरण – पहली तिमाही में 85% पंजीकरण, जिससे गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बेहतर देखभाल मिली।
- मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना – इस योजना ने बच्चों में स्टंटिंग और कुपोषण को कम करने में अहम भूमिका निभाई।
आंगनवाड़ी-सह-क्रेच मॉडल की सराहना
श्रुति चौधरी ने हरियाणा के उन्नत क्रेच मॉडल की चर्चा करते हुए बताया कि आंगनवाड़ी-सह-क्रेच और स्टैंडअलोन क्रेच का नेटवर्क कामकाजी माताओं के लिए एक मजबूत सहारा बन रहा है। इन सुविधाओं ने मातृत्व सशक्तिकरण को नया आयाम दिया है।
महिला एवं बाल विकास में हरियाणा की अग्रणी भूमिका
चौधरी ने कहा कि हरियाणा को अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रस्तुत करने वाले प्रमुख राज्यों में शामिल किया गया है। यह राज्य के समग्र दृष्टिकोण और दूरदर्शी योजनाओं का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं ने न केवल बचपन के समुचित विकास को सुनिश्चित किया है, बल्कि लिंग सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया है।
सामाजिक समावेशन पर जोर
मंत्री ने प्रत्येक नागरिक के लिए समावेशी विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि नीतियों को नए सिरे से कल्पना और रणनीतियों को पुनर्जीवित करना समय की मांग है।
हरियाणा सरकार की इन पहलों से यह स्पष्ट है कि राज्य महिलाओं और बच्चों के विकास के प्रति अपने लक्ष्यों को गंभीरता से लागू कर रहा है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के परिणामस्वरूप हुए लिंगानुपात में सुधार इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।