प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), 12 जनवरी: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संगम क्षेत्र में ‘water एंबुलेंस’ की शुरुआत की है। यह जल एंबुलेंस पूरी तरह से चिकित्सा सुविधाओं से लैस है और इसमें डॉक्टरों के साथ-साथ वरिष्ठ NDRF अधिकारी भी तैनात किए गए हैं। जल एंबुलेंस 24 घंटे काम करेगी और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित उपचार प्रदान करेगी।
NDRF के उप महानिरीक्षक (DIG) मनोज शर्मा ने जल एंबुलेंस को “घूमता-फिरता अस्पताल” बताया। उन्होंने कहा, “यह water एंबुलेंस ऑक्सीजन सिलेंडर, आपातकालीन दवाएं, मॉनिटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से लैस है। यह विशेष रूप से तेज गति से गंगा नदी में तैरने के लिए डिज़ाइन की गई है, ताकि जरूरतमंद श्रद्धालुओं को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके। मेले के समाप्त होने के बाद इसे वाराणसी में NDRF केंद्र में तैनात किया जाएगा।”
सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की भीड़
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। इस दौरान प्रयागराज शहर में ठंड और घने कोहरे के बावजूद माहौल जीवंत बना हुआ है। एक श्रद्धालु हेमलता तिवारी ने बताया, “यहां बहुत ठंड है, लेकिन हम बहुत आनंद ले रहे हैं। मुझे बहुत खुशी है कि मुझे यह अवसर मिला और देश भर से श्रद्धालु यहां आ रहे हैं।”
सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से, उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ के दौरान एक अभेद्य सुरक्षा चक्रव्यूह स्थापित किया है। इस पहल के तहत प्रयागराज जिले के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। पुलिस ने सात प्रमुख मार्गों पर 102 चौकियों पर 1,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है, जिसमें 71 निरीक्षक, 234 उपनिरीक्षक, और 645 कांस्टेबल शामिल हैं। इसके अलावा, 113 होमगार्ड/पीआरडी जवान और तीन पीएसी टुकड़ियां भी सुरक्षा बलों का हिस्सा हैं।
निगरानी और तकनीकी उपाय
सुरक्षा बढ़ाने के लिए, पुलिस ने पांच वज्र वाहन, 10 ड्रोन और चार तोड़फोड़ विरोधी टीमों को तैनात किया है, जो 24/7 निगरानी करके संभावित खतरों का पता लगाने और उन्हें रोकने का कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, महाकुंभ शिविर क्षेत्र में अंडरवाटर ड्रोन और 2,700 एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
महाकुंभ का महत्व और मुख्य स्नान तिथियां
हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जिसमें इस बार 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। तीर्थयात्री गंगा, यमुना और सरस्वती (अब विलुप्त) के संगम पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा, जबकि मुख्य स्नान अनुष्ठान 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होंगे।