रेवाड़ी, 9 जनवरी: हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा है कि हरियाणा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने में देशभर में एक आदर्श राज्य बनेगा। उन्होंने यह बात रेवाड़ी में जाट समाज द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। समारोह में उन्होंने कहा कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक सहित कई स्थानों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ढांडा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए एनईपी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए ऑनलाइन सुझावों के लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है, जहां छात्र अपने सुझाव दे सकते हैं।
समाज और राष्ट्र का भविष्य बच्चों पर निर्भर
शिक्षा मंत्री ने समारोह में प्रतिभाशाली छात्रों और युवाओं को सम्मानित करते हुए कहा कि हमारे समाज, राज्य और राष्ट्र का भविष्य बच्चों के मजबूत कंधों पर टिका है। उन्होंने बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने और देश के अच्छे नागरिक बनने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि सामाजिक ज्ञान भी बच्चों के जीवन में जरूरी है।
उन्होंने कहा, “सफलता प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास और कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। बच्चों को जीवन में हमेशा कार्यशील रहना चाहिए और अपने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।”
जाट धर्मशाला को 21 लाख रुपये देने की घोषणा
महिलापाल ढांडा ने समारोह में जाट धर्मशाला समिति को 21 लाख रुपये देने और धर्मशाला में पुस्तकालय निर्माण करवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह का उद्देश्य बच्चों को प्रोत्साहित करना और समाज के लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देना है।
उन्होंने कहा, “10वीं और 12वीं कक्षा में अच्छा प्रदर्शन जीवन का पहला पड़ाव है। इस सफलता से अति आत्मविश्वास में न आएं। भविष्य में आपके ऊपर और भी कई जिम्मेदारियां आएंगी।”
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में कोई भी कार्य छोटा नहीं होता। सफलता के लिए निरंतर परिश्रम और ईमानदारी ही सफलता की कुंजी है।
कार्यक्रम की सराहना
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस पहल की सराहना की और शिक्षा मंत्री के दृष्टिकोण को सराहा। कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठ सदस्य, शिक्षाविद, छात्र और उनके अभिभावक बड़ी संख्या में मौजूद थे।