चंडीगढ़, 8 जनवरी – हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया है कि हरियाणा में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है और इस वायरस समेत अन्य श्वसन संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने आज यहां जानकारी दी कि उनके दिशा-निर्देश पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को इन्फ्लूएंजा, HMPV, आरएसवी (RSV) और अन्य सांस से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में फ्लू कॉर्नर बनाए जाने की योजना है और जिला स्वास्थ्य अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि इन केंद्रों में आवश्यक दवाइयां, उपकरण, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध हों।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के अनुसार,
- फ्लू कॉर्नर में ओस्टेलमाविर (Oseltamivir) की दवाइयां, पीपीई किट, एन-95 मास्क, और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहेगी।
सभी स्वास्थ्य केंद्रों में समर्पित बिस्तर (Dedicated Bed) सुनिश्चित किए जाएंगे ताकि इन्फ्लूएंजा और श्वसन संक्रमण के रोगियों को उचित इलाज मिल सके। - स्वास्थ्य कर्मियों को बार-बार हाथ धोने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
- बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
- कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि प्रत्येक जिला निगरानी इकाई को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों की निगरानी रखें और यदि आवश्यक हो तो गंभीर मामलों के सैंपल की जांच भी करवाएं। इसके साथ ही, सर्दी और खांसी के सामान्य लक्षणों के प्रति प्रदेशवासियों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
HMPV: क्या है और कैसे बचें
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल ने जानकारी दी कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण पैदा करने वाला वायरस है, जो खांसी, बुखार, नाक बंद होना, सांस लेने में तकलीफ, ब्रोंकाइटिस और गंभीर मामलों में निमोनिया का कारण बन सकता है। यह वायरस छींकने, खांसने, नज़दीकी संपर्क या दूषित सतहों के माध्यम से फैलता है।
डॉ. बंसल ने बताया कि HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार या वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकांश मामलों में 2-5 दिनों में यह खुद ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि रोगियों को पर्याप्त पानी पीने, आराम करने और लक्षणों के लिए दवाइयां लेने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा कि इससे बचने के लिए लोग हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं, बीमार व्यक्तियों के संपर्क से बचें, खांसते-छींकते समय मुंह और नाक को ढकें, और बारी-बारी से छूने वाली सतहों को नियमित रूप से साफ करें।