Wednesday , 8 January 2025

HMPV वायरस की भारत में दस्तक, बेंगलुरु में मिला 8 महीने का संक्रमित बच्चा

कोरोना महामारी के बाद अब एक और खतरनाक वायरस ने पूरे दुनिया में दहशत मचा दी है। चीन में तेजी से फैल रहे ह्यूमन मेटाप्रूएमोवायरस (HMPV) के मामलों के बीच भारत में इस वायरस का पहला मामला सामने आया है। बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में 8 महीने के एक बच्चे में HMPV वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों में चिंता बढ़ गई है।

 

HMPV वायरस क्या है?

HMPV, जिसे ह्यूमन मेटाप्रूएमोवायरस कहा जाता है, एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह वायरस खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अधिक प्रभावित करता है। इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, जिनमें खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक बहना और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह वायरस निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस का कारण बन सकता है।

 

संक्रमण का तरीका

HMPV वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। इसके अलावा, संक्रमित सतहों को छूने और फिर अपने चेहरे को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। चीन और अन्य देशों में इस वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी ने इसकी संक्रामकता को लेकर चिंता को बढ़ा दिया है।

 

भारत में पहले मामले की पुष्टि

भारत में HMPV वायरस का पहला मामला बेंगलुरु से सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में 8 महीने के बच्चे के शरीर में इस वायरस की पुष्टि हुई है। खास बात यह है कि बच्चे ने न तो चीन और न ही किसी अन्य प्रभावित देश का दौरा किया है, जिससे यह वायरस स्थानीय स्तर पर भी फैलने का संकेत देता है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जानकारी केंद्र सरकार को दे दी है और इस पर जांच प्रक्रिया चल रही है।

 

विशेषज्ञों की सलाह

HMPV के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट वैक्सीन या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचने के लिए कुछ सामान्य उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है।

 

हाथों को साबुन और पानी से धोने की आदत डालें।

 

आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।

 

भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें।

 

संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।

 

 

सरकार की प्रतिक्रिया

भारत सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। संक्रमित बच्चे का इलाज एक विशेष आइसोलेशन वार्ड में किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिया है।

 

चिंता का कारण

HMPV वायरस नया नहीं है, लेकिन भारत में इसका पहला मामला सामने आने से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरों पर सतर्क रहना जरूरी है। कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए यह वायरस जानलेवा साबित हो सकता है, जिससे सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं।

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