चंडीगढ़: भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) भवन, चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में बम की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। इस सूचना के तुरंत बाद एसपी सिटी गीतांजलि खंडेवाल, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जसपाल सिंह और बम डिटेक्शन स्क्वॉड की टीम मौके पर पहुंची और इलाके की तलाशी शुरू कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर एक डमी बम को सैंड बैग ट्रक में रखकर पीसीआर वाहनों की पायलट और एस्कॉर्ट टीम के साथ सेक्टर-26 स्थित पुलिस लाइन ले जाया, जहां इसे सुरक्षित रूप से डिफ्यूज किया गया। बाद में यह जानकारी सामने आई कि यह बम की धमकी दरअसल गणतंत्र दिवस की तैयारियों के तहत पुलिस द्वारा की गई मॉक ड्रिल थी।
सर्च ऑपरेशन की रणनीति
मॉक ड्रिल के दौरान बीबीएमबी भवन को ऑपरेशन्स सेल के कमांडो ने चारों ओर से घेर लिया और इमारत को खाली कराया गया। इसके बाद ऑपरेशन्स सेल की हाउस इंटरवेंशन टीम (एचआईटी), बम डिटेक्शन स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड (K-9) ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम से एक डमी बम को सफलतापूर्वक ढूंढ निकाला गया।
मॉक ड्रिल में शामिल टीमें और संसाधन
इस मॉक ड्रिल में विभिन्न सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की टीमों और संसाधनों को शामिल किया गया। ऑपरेशन्स सेल की क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) और स्नाइपर टीम, ड्रोन टीम, पीसीआर वाहन (ट्रोमा सहित), ट्रैफिक विंग के वाहन (ज़ेबरा-208 और टोइंग-2), जीएमएसएच-16 और पुलिस अस्पताल की एंबुलेंस, फायर स्टेशन से इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 के फायर टेंडर और सेक्टर-17 से हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म, सिविल डिफेंस टीम, मोबाइल फोरेंसिक टीम, और स्थानीय पुलिस स्टेशन की टीमों ने इसमें भाग लिया।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह मॉक ड्रिल गणतंत्र दिवस की तैयारियों के संदर्भ में सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए आयोजित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य संभावित आपात परिस्थितियों में पुलिस और अन्य संबंधित विभागों की तत्परता की जांच करना था, ताकि किसी भी असामान्य घटना से निपटने में उनकी दक्षता सुनिश्चित की जा सके।