फतेहाबाद (04 जनवरी 2025) । हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अगुवाई में एक विशाल किसान महापंचायत आयोजित की गई। इस महापंचायत में देशभर से आए किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की। किसान नेता राकेश टिकैत और भाकियू उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां समेत कई प्रमुख नेताओं ने किसानों की समस्याओं और आंदोलन के मुद्दों पर चर्चा की।
राकेश टिकैत: आंदोलन से सिख समाज हो रहा बदनाम
महापंचायत में राकेश टिकैत ने खनौरी-शंभू बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को लेकर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन भारत सरकार के खिलाफ नहीं है, क्योंकि यह केंद्र की जमीन पर नहीं हो रहा। पंजाब सरकार को जरूर इससे नुकसान हो रहा है।” टिकैत ने चिंता जताई कि इस आंदोलन की वजह से सिख समाज बदनाम हो रहा है, क्योंकि यह धारणा बन रही है कि सिख समुदाय रास्ते बंद कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “पंजाब की धरती पर चल रहे आंदोलन का हम समर्थन करते हैं, लेकिन सिख समाज शहादत से पीछे नहीं हटता। अगर डल्लेवाल को कुछ होता है, तो उनकी कमेटी बॉडी तक नहीं देगी। यह चिंताजनक स्थिति है।”
केंद्र सरकार पर किसानों का भरोसा कमजोर
महापंचायत में टिकैत ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जो आंदोलन पहले जीता गया था, उसी से मिलते-जुलते प्रावधान अब नई नीतियों के ड्राफ्ट में फिर से शामिल किए जा रहे हैं। उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की मांग करते हुए कहा कि किसान इसे लेकर अपना विरोध जारी रखेंगे।
जोगिंदर सिंह उगराहां: लड़ाई तेज होगी
भाकियू उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “जो तीन काले कानून पहले वापस करवाए थे, वही अब नई नीतियों में शामिल किए जा रहे हैं। चाहे खुली मंडी की बात हो या कांट्रेक्ट फार्मिंग, वही मुद्दे अब दोबारा सामने आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने वाले दोषियों को सजा देने और किसान शहीद परिवारों को मुआवजा देने की मांगों को लेकर आंदोलन और तेज किया जाएगा।
महापंचायत में उठी ये प्रमुख मांगें
1. एमएसपी गारंटी कानून लागू हो।
2. कर्जमाफी और बिजली बिल में राहत मिले।
3. आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और नौकरियां दी जाएं।
4. किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे रद्द हों।
महापंचायत में शामिल नेता
इस महापंचायत में जोगिंदर सिंह उगराहां, जोगिंदर सिंह नैन, निर्भय सिंह, अजय सिधानी, लाभ सिंह हरि, मछिंद्र कन्हड़ी, गुरदयाल सिंह ढेर, कामरेड जगतार सिंह रत्ताथेह और मास्टर कमलजीत सिंह जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए।
आंदोलन अभी लंबा चलेगा
राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन करीब 4-5 महीने और जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि एसकेएम की मीटिंग्स अभी चल रही हैं, और जरूरत पड़ने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।