चंडीगढ़ | 4 जनवरी 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य को स्टार्टअप्स के लिए अग्रणी हब बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य “मेक इन इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” के तहत हरियाणा को देशभर में एक अनूठी पहचान दिलाना है। इससे राज्य के आर्थिक विकास के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
स्टार्टअप्स के विकास के लिए नए लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने हरियाणा के स्टार्टअप उद्यमियों के साथ बैठक में कहा कि आने वाले समय में राज्य में स्टार्टअप्स की संख्या तीन गुना बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने सफल उद्यमियों से अपील की कि वे नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वित्त वर्ष 2025-26 के राज्य बजट में स्टार्टअप्स के लिए नई योजनाएं लाई जाएंगी, ताकि उद्यमियों को मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके।
परंपरागत उद्योगों में स्टार्टअप्स की भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा कि परंपरागत और पैतृक उद्योगों को बढ़ावा देने में स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे गांवों में जाकर परंपरागत कार्यों से जुड़े लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “पीएम विश्वकर्मा योजना” का जिक्र करते हुए इसे परंपरागत उद्योगों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
बजट पूर्व परामर्श और सुझाव
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार 2025-26 के बजट से पहले नागरिकों, उद्योगपतियों और अन्य हितधारकों से सुझाव मांग रही है। उन्होंने स्टार्टअप उद्यमियों से भी बजट के लिए सुझाव देने का आह्वान किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन सुझावों को नई योजनाओं में शामिल किया जाएगा, जिससे राज्य में स्टार्टअप्स की संख्या और गुणवत्ता बढ़ेगी।
सरकार की योजनाओं का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार विभिन्न नीतियों और प्रोत्साहनों के माध्यम से उद्योगों को विकसित कर रही है। उनका ध्येय 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हरियाणा को एक विकसित राज्य बनाना है।