चंडीगढ़ (04 जनवरी 2025)। हरियाणा सरकार ने रिहायशी भवनों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब हरियाणा के सभी शहरों में दो मंजिल से अधिक वाले भवनों में स्टिल्ट पार्किंग को अनिवार्य किया जाएगा। हालांकि, अगर इमारत का उपयोग निजी तौर पर किया जा रहा हो, तो तीन मंजिला भवनों को इस नियम से छूट मिलेगी। वहीं, चार मंजिला और उससे ऊपर की इमारतों में स्टिल्ट पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य होगी, चाहे वह इमारत एक ही मालिक के पास हो या फिर अलग-अलग फ्लैट्स बेचे गए हों।
इस बदलाव का उद्देश्य शहरों में बढ़ती पार्किंग समस्या का समाधान करना है। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग इस नए नियम को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है और बिल्डिंग कोड-2017 में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार ने लोगों से इस पर आपत्तियां और सुझाव भी मांगे हैं, जो 1 फरवरी तक दिए जा सकते हैं। इन सुझावों पर विचार कर, मुख्यमंत्री नायब सैनी की मंजूरी के बाद नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।
एनसीआर में डस्ट पोर्टल रजिस्ट्रेशन होगा अनिवार्य
नए नियमों के तहत, जिन भवनों में स्टिल्ट पार्किंग होगी, केवल उन्हीं का पंजीकरण किया जाएगा, अगर वे दो मंजिल से अधिक होंगे। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 500 वर्ग मीटर से बड़े सभी प्लाटों के निर्माण या तोड़-फोड़ के लिए डस्ट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
हाई कोर्ट में लंबित मामला
इससे पहले, हरियाणा सरकार की स्टिल्ट प्लस चार मंजिला बिल्डिंग बनाने की नीति को लेकर पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि पंचकूला और इसके आसपास के क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र चार में आते हैं, और इस तरह के निर्माण की अनुमति देने से पहले वैज्ञानिक अध्ययन नहीं किया गया था। इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होनी है।