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किसान आंदोलन: सुप्रीम कोर्ट कमेटी की बैठक स्थगित, डल्लेवाल का अनशन 39वें दिन में

चंडीगढ़,03 जनवरी 2025। कृषि कानूनों और एमएसपी की गारंटी को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में एक बार फिर गतिरोध बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की बैठक, जो आज सुबह 11 बजे होनी थी, स्थगित कर दी गई। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैठक में शामिल होने से इनकार करने के कारण यह निर्णय लिया गया। अब कमेटी ने किसान यूनियन संयुक्त किसान मोर्चा उगराहां को 4 जनवरी को पंचकूला में बातचीत के लिए बुलाया है।

डल्लेवाल का आमरण अनशन गंभीर स्थिति में पहुंचा
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 39वें दिन में प्रवेश कर चुका है। उनकी हालत बेहद गंभीर है। डॉक्टरों के अनुसार, उनके शरीर से मांस पूरी तरह खत्म हो चुका है और केवल हड्डियां बची हैं। उनका बीपी लगातार गिर रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है।

डल्लेवाल ने एक वीडियो संदेश में किसानों और जनता से 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर जुटने की अपील की है। उन्होंने कहा, “एमएसपी की लड़ाई देश के हर नागरिक की है। मैं चाहता हूं कि सभी लोग इस संघर्ष में साथ आएं। आपके दर्शन मेरे लिए प्रेरणा बनेंगे।”

कर्नाटक और तमिलनाडु के किसान भी जुड़े आंदोलन से
खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल के समर्थन में कर्नाटक और तमिलनाडु से किसानों का एक बड़ा समूह पहुंचा है। इसका नेतृत्व किसान नेता कुर्बुरू शांताकुमार और पी.आर. पांडियन कर रहे हैं।

केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट से न्याय की मांग
किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वह खेती से जुड़े विषयों पर संसदीय समिति की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की समिति की अंतरिम रिपोर्ट को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी करे। किसान नेताओं का कहना है कि अब न्याय की आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से ही है।

पंजाब सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर हुई सुनवाई में पंजाब सरकार पर कड़ा रुख अपनाया गया। कोर्ट ने कहा, “डल्लेवाल की हालत को जानबूझकर खराब करने की कोशिश हो रही है।” अदालत ने आंदोलनकारियों और सरकार दोनों को बातचीत के जरिए समाधान निकालने की हिदायत दी।

पंजाब सरकार का पक्ष
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य सरकार डल्लेवाल की सेहत का पूरा ध्यान रख रही है। धरना स्थल के पास अस्थायी अस्पताल बनाया गया है और 50 डॉक्टरों की टीम तैनात है। उन्होंने केंद्र सरकार से अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों से बातचीत करने की अपील की।

 

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